क्या बीएस-6 गाड़ियों पर भी लगेगा बैन? सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई को सुनवाई, जानें फैसले का क्या होगा असर
BS VI Vehicles: सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई 2025 को यह तय करेगा कि क्या दिल्ली-एनसीआर में BS-VI मानकों वाली गाड़ियों पर भी 10 और 15 साल की सीमा लागू होगी या नहीं. आइए विस्तार से जानते हैं.

सुप्रीम कोर्ट अब यह फैसला करने जा रही है कि दिल्ली-एनसीआर में BS-VI तकनीक वाली नई गाड़ियों पर भी वही पुराना नियम लागू होगा या नहीं, जिसमें डीजल गाड़ियों की उम्र 10 साल और पेट्रोल की 15 साल मानी जाती है.
दरअसल, इस मामले की सुनवाई 28 जुलाई 2025 को होगी और यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में गाड़ी चलाने वाले लाखों लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है. यह मुद्दा इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि BS-VI टेक्नोलॉजी को अभी हाल ही में भारत में लागू किया गया है और इसे अब तक का सबसे साफ और कम प्रदूषण करने वाला Emission Standards माना जाता है.
क्या नई तकनीक पर पुराने नियम लागू होंगे?
- इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने वाले वकील ने कोर्ट से आग्रह किया है कि वह स्पष्ट करे कि क्या BS-VI मानकों को पूरा करने वाली गाड़ियों पर भी वही नियम लागू होंगे जो पुराने वाहनों पर किए गए थे. वकील का कहना है कि सरकार कोर्ट के पहले के आदेशों को दरकिनार करके अपने नए नियम बना रही है, जो न्यायिक प्रक्रिया और संविधान के खिलाफ है. उनका कहना है कि BS-VI वाहनों की तकनीक इतनी एडवांस्ड है कि वे पुराने BS-IV और BS-III गाड़ियों की तुलना में बहुत कम प्रदूषण फैलाते हैं. ऐसे में उन्हें भी 10 या 15 साल बाद बैन करना उचित नहीं होगा.
क्या कहता है कानून और सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश?
- 2015 में, भारत के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने यह आदेश दिया था कि 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली और आसपास के इलाकों (NCR) में चलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. यह निर्णय दिल्ली की वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए लिया गया था, जो लगातार बिगड़ती जा रही थी.
- अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या BS-VI जैसी एडवांस और कम प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां भी उसी पुराने नियम के तहत आएंगी या नहीं. अगर ऐसा होता है, तो इसका मतलब यह होगा कि नई खरीदी गई गाड़ियां, जो टेक्नोलॉजी के मामले में काफी अच्छी हैं, उन्हें भी एक तय समय (10 या 15 साल) के बाद सड़कों से हटा दिया जाएगा – चाहे वे अच्छी हालत में ही क्यों न हों. यह फैसला लाखों गाड़ी मालिकों को प्रभावित कर सकता है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने हाल ही में BS-VI गाड़ी खरीदी है.
क्या सच में इतने साफ हैं ये इंजन?
- BS-VI, जिसे भारत स्टेज-6 कहा जाता है, सरकार की ओर से अप्रैल 2020 में लागू किया गया था. इसके तहत वाहनों में ऐसे इंजन और उत्सर्जन नियंत्रण सिस्टम लगाए जाते हैं जो 90% तक कम हानिकारक गैसें उत्सर्जित करते हैं. यूरो-6 के बराबर माने जाने वाले इस मानक से भारत में वाहनों की वायु प्रदूषण में योगदान को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया. अभी तक, ऐसे वाहनों को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी कि उन्हें 10 या 15 साल बाद बंद किया जाएगा या नहीं. यही वजह है कि अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने पहुंच गया है.
फैसले का लाखों गाड़ियों पर पड़ेगा सीधा प्रभाव
- बता दें कि अगर सुप्रीम कोर्ट यह तय करता है कि BS-VI वाहनों पर भी 10 और 15 साल की सीमा लागू रहेगी, तो इसका असर दिल्ली-एनसीआर के लाखों वाहन मालिकों पर पड़ेगा.
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Source: IOCL























