बिहार में चुनाव आयोग पर भड़के फारूक अब्दुल्ला, बोले- 'अपने मालिक को...'
Farooq Abdullah: फारूक अब्दुल्ला ने बिहार मतदाता सूची संशोधन पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर काम कर रहे 1.5 करोड़ से अधिक लोग वोट कैसे देंगे?

Farooq Abdullah on Bihar Voter List Revision: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा, "बिहार के 1 करोड़ 50 लाख से ज़्यादा लोग बिहार से बाहर काम कर रहे हैं. वे कैसे वोट देंगे, दस्तावेज़ कहां से लाएंगे?"
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "जब बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान बनाया तो उसमें सभी को वोट देने का अधिकार दिया, लेकिन आज नए कानून बनाए जा रहे हैं. ये भारत के लोगों को स्वीकार्य नहीं है."
'मालिक को खुश करने में लगा चुनाव आयोग'- फारूक अब्दुल्ला
चुनाव आयोग पर बड़ा निशाना साधते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "आज चुनाव आयोग ने उन लोगों के लिए अपना आदेश निकाला है, जो बिहार के हैं, लेकिन राज्य से बाहर रहते हैं. ये लोग कहां से दस्तावेज देंगे? चुनाव आयोग बिहार के लिये अपने मालिक को खुश करने में लगा है. अपने मालिक को खुश करने के लिये कुछ भी करने को तैयार है."
व्यापक आंदोलन की चेतावनी
एनसी प्रमुख ने आगे कहा, "मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि यह हिन्दुस्तान की जनता को स्वीकार नहीं है. व्यापक आंदोलन होगा. ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे."
क्यों हो रहा बिहार वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण?
दरअसल, चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि यह पुनरीक्षण अभियान फर्जी वोटर्स और दोहराए गए नामों को हटाने के लिए किया जा रहा है. मतदाता लिस्ट में कई ऐसे लोग हैं, जिनके नाम पर एक ही समय में दो स्थायी पते दर्ज हैं.
चुनाव आयोग का कहना है कि केवल वे नागरिक जो मौजूदा समय में किसी क्षेत्र में रह रहे हैं, उन्हें ही उस क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया जाना चाहिए.
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Source: IOCL