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फ्लाइट में ऑक्सीजन सिलेंडर की क्या जरूरत होती है?
फ्लाइट में यात्रियों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था पहले से ही प्लेन के अंदर कर दी जाती है. जिससे ऊंचाई पर जाने पर भी माहौल नॉर्मल बना रहता है. फिर क्यों फ्लाइट में ऑक्सीजन के सिलेंडर होते हैं.
आप तौर पर लोग कहीं दूरी का सफर करते हैं. तो उसके लिए वह फ्लाइट से जाना पसंद करते हैं. इसमें समय की बहुत बचत होती है.
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फ्लाइट में यात्रा करना काफी अलग अनुभव होता है. क्योंकि फ्लाइट हवा में उड़ती है. जिसके लिए यात्रियों को पूरी एहतियात बरतनी पड़ती है.
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फ्लाइट आसमान में काफी ऊंचाई पड़ती है. और जैसा कि सबको पता है अधिक ऊंचाई पर जाने पर ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है. लेकिन फिर भी फ्लाइट में आसानी से लोग बैठे रहते हैं.
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तो क्या ऑक्सीजन का सिलेंडर लगा होता है सीटों पर. जो यात्री आसानी से यात्रा कर पाते हैं. तो ऐसा नहीं है, बता दें कि फ्लाइट में यात्रियों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था पहले से ही प्लेन के अंदर कर दी जाती है. जिससे ऊंचाई पर जाने पर भी प्लेन के अंदर का माहौल नॉर्मल बना रहता है.
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लेकिन बावजूद इसके फ्लाइट में ऑक्सीजन के सिलेंडर होते हैं. वह इसलिए होते हैं. जब केबिन में दबाव कम होता है. तो ऐसे में यात्रियों को ऑक्सीजन की एक्सट्रा जरूरत पड़ती है. जिसके लिए ओवरहेड मास्क ऑक्सीजन की पूर्ति करता है.
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यह यात्री 15 से 20 मिनट तक लगाए रहते हैं. जिससे ऑक्सीजन का लेवल नॉर्मल बना रहता है. हर विमान में यह सुविधा मौजूद होती है.
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जब फ्लाइट ऊंचाई से नीचे की ओर आ रही होती है तो ऐसे में ऑक्सीजन का दबाव बेहद कम हो जाता है. ऐसे में ओवरहेड मास्क यात्रियों को बेहोश होने से बचाते हैं. क्योंकि ऑक्सीजन का स्तर कम होने से यात्री हाइपोक्सिया की स्थिति में जा सकते हैं. जिसे वह बेहोश भी हो सकते हैं. उन्हें चक्कर भी आ सकते हैं.
Published at : 10 Feb 2024 02:03 PM (IST)
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