भोपाल गैस कांड: एंडरसन को फरार कराने के मामले में सुनवाई पर लगी रोक

भोपाल: विशेष अपर सेशन जस्टिस डीके पालीवाल की अदालत ने भोपाल गैस त्रासदी के वक्त कलेक्टर रहे मोती सिंह एवं पुलिस अधीक्षक स्वराज पुरी के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सुनवाई पर 24 अप्रैल तक रोक लगा दी है. इन दोनों पर आरोप हैं कि इन्होंनें भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन अध्यक्ष वॉरेन एंडरसन को देश से कथित रूप से भगाने में मदद की.
जस्टिस पालीवाल की अदालत ने यह आदेश कल मोती सिंह एवं स्वराज पुरी की ओर से उनके अधिवक्ताओं द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी भूभास्कर यादव के फैसले के खिलाफ दायर की गई पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के बाद दिया. अदालत ने कहा कि इस मामले में पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई चल रही है और इस पुनरीक्षण याचिका पर फैसला लेने की अंतिम तिथि 24 अप्रैल है. इसलिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में इस मामले में 24 अप्रैल तक सुनवाई नहीं हो सकती है.
भोपाल गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार और अन्यों संगठनों ने एंडरसन को भोपाल से भगाने के मामले में मोती सिंह और स्वराज पुरी के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में याचिका दायर की है. वर्ष 2013 में अमेरिका में एंडरसन की मौत हो गई थी. इन दोनों अधिकारियों के वकीलों ने पालीवाल की अदालत से मांग की थी कि पुनरीक्षण याचिका पर अंतिम फैसला आने तक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सुनवाई पर रोक लगाई जाये, जिसे अदालत ने मान लिया.
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