मंत्री असीम अरुण ने गेंबा वॉक की तरह किया कन्नौज का दौरा, सफाई कर्मियों के साथ बिताया दिन
UP News: मंत्री असीम अरुण ने अपने क्षेत्र कन्नौज का जापानी मैनेजमेंट प्रोसेस गेंबा वॉक की तरह दौरा किया. मंत्री ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वाली गाड़ियों में बैठकर सफाई कर्मियों के साथ समय बिताया.

Kannauj News: उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने जापानी मैनेजमेंट प्रोसेस गेंबा वॉक की तरह दौरा किया, मंत्री ने अपने क्षेत्र कन्नौज में डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में बैठकर सफाई कर्मियों के साथ पूरा दिन व्यतीत किया. मंत्री ने समस्याओं को पहचान कर उनके बेहतर समाधान की दिशा में कवायद की.
पहचान छिपाकर मंत्री ने इस सिस्टम को बेहतर बनाने को लेकर सुझाव दिए. मंत्री ने बिजली वाले ट्रक की जरूरत बताते हुए वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने के सुझाव दिया. इसके अलावा घरों में हरे कचरे की ज्यादा मात्रा को देखते हुए हरा बॉक्स बड़ा लगाने का सुझाव दिया.
क्या है गेंबा वॉक?
दरअसल, जापान में एक मेनेजमेंट प्रक्रिया विकसित की गई जिसे वे गेंबा वॉक बोलते हैं. मंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर गेंबा वॉक का मतलब बताते लिखा, "ऐसे लोग जो मैनेजमेंट में है, फैक्ट्री फ्लोर पर जाकर कामगारों के साथ खड़े होते हैं, बातचीत करते हैं और, सुधार के रास्ते खोलते हैं. पुलिस जीवन में कई बार ऐसा मैंने करके देखा और कई दिनों के प्रशिक्षण की तुलना में दो घंटे में समस्याओं और उनके उपाय का बोध हो गया."
मंत्री ने एक्स पर लिखा, "इस रविवार मैंने सोचा कि कन्नौज में अपने जो साथी डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम करते हैं उनके काम को गहराई से समझा जाए, उनके साथ ‘गेंबा वॉक’ की जाए. गौतम जी और विकास जी के साथ कुछ पहचान छुपाते हुए सुबह की शिफ्ट में कन्नौज के मोहल्लों में घूमना और अध्ययन करना अच्छा लगा. चार पन्ने भर गए नोट्स लेते-लेते. कुछ सबक जो मुझे मिले आपसे भी शेयर कर रहा हूं. निश्चित रूप से आपका भी इस संबंध में अपना अनुभव होगा और कुछ विचार भी. अपने सुझाव जरूर भेजें."
योगी के मंत्री असीम अरुण ने प्रदेश स्तर, पालिका स्तर और नागरिकों द्वार प्राप्त सुझाव पर अपना सुझाव दिया है जो इस प्रकार है.
प्रदेश स्तर:
1- बिजली वाले ट्रक लगाना अच्छा होगा क्योंकि इनकी गति कम रहती है.
2- वाहनों में जीपीएस लगाना चाहिए.
3- नीला और हरा बॉक्स बराबर साइज का है लेकिन हरा कूड़ा बहुत ज्यादा मिलता है, नीला बॉक्स छोटा होना चाहिए.
पालिका स्तर:
1- श्रम कानूनों का अक्षरशः पालन.
2- साप्ताहिक अवकाश मिले.
3- न्यूनतम मजदूरी दर का पालन हो.
4- सामाजिक सुरक्षा का इंतजाम हो.
5- ईपीएफ, ईएसआई का पालन हो.
6- वाहनों को साफ, चमचमाता ररखा जाए.
7- वाहन के लाउड स्पीकर को बेहतर करना होगा.
8- एक वाहन पर दो कर्मी (+चालक) लगाने से काम तेज होगा.
9- स्थाई कूड़ेदान चोरी हो जा रहे हैं.
नागरिकों द्वारा:
1- कूड़े से कंचन में थोड़ी समस्या है, लोग काम का कूड़ा स्वंय बेचना पसंद करते हैं.
2- कुछ लोग अभी भी कूड़े की छंटाई नहीं कर रहे हैं.
3- पालिका क्षेत्र में गोबर और कंडे पाथने की व्यवस्था को ठीक करना होगा.
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