Radhika Yadav: 'आपने मुझपर ढाई करोड़ खर्च किए...', राधिका यादव पिता से कहती थी यह बात, 15 दिन से सोया नहीं था आरोपी दीपक
Radhika Yadav Murder Case: गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले में पिता दीपक यादव ने खुलासा किया कि वह 15 दिन से सोया नहीं था. घर में बेचैन घूमता था और किसी से बात नहीं करता था.

हरियाणा के गुरुग्राम में टेनिस प्लेयर राधिका यादव के मर्डर केस में बड़ा खुलासा हुआ है. एक दिन की पुलिस रिमांड में आरोपी पिता दीपक यादव ने कई राज खोले. पूछताछ में दीपक ने बताया कि वह पिछले 15 दिन से सोया नहीं था. घर में बेचैन घूमता रहता था और किसी से बात भी नहीं करता था.
राधिका यादव खुद अपने पिता दीपक की कॉउंसलिंग करती थी. वह पिता को परेशान देख दुखी थी. इसलिए उसे भरोसा दिलाती रहती थी कि घरवालों का नाम रोशन करेगी.
पिता के कहने पर सोशल मीडिया से हट गई थी राधिका
आरोपी पिता ने पुलिस को बताया कि कुछ समय पहले उसके दबाव के चलते राधिका यादव ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट भी डिलीट कर दिए थे. इसके बाद भी दीपक बार-बार राधिका को एकेडमी बंद करने के लिए कहता रहता था.
लोगों के तानों से परेशान था दीपक
दीपक यादव का कहना है कि वह लोगों के तानों से तंग आ गया था. उसे लोग बेटी की कमाई पर ऐश करने का ताना मारते थे. इसलिए वह लगातार राधिका को अकादमी बंद करने के लिए फोर्स करता था. राधिका ने कई बार दीपक को भरोसा रखने के लिए बोला था.
'मुझपर ढाई करोड़ खर्च किए, बर्बाद नहीं होने दूंगी'
25 वर्षीय टेनिस प्लेयर राधिका ने अपने पिता को समझाने की कई बार कोशिश भी की थी. राधिका अपने पिता दीपक को कहती थी कि उसके ऊपर ढाई करोड़ खर्च किए हैं. उन पैसों को बर्बाद नही होने देगी. अपनी प्रतिभा से बच्चों को टेनिस के लिए ट्रेन करेगी.
इसके अलावा, गुरुग्राम पुलिस ने राधिका यादव के घर की जांच भी की. वहीं, रेवाड़ी के पास से पुलिस की टीम ने जिंदा कारतूस भी बरामद कर लिए हैं.
मालूम हो, शुक्रवार (10 जुलाई) को टेनिस प्लेयर राधिका यादव की उसके ही घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. गोली चलाने वाला उसका पिता दीपक यादव था, जिसने पुलिस के सामने हत्या की बात कबूली है. सुबह के समय में राधिका किचन में अपने पिता के लिए ही नाश्ता तैयार कर रही थी, जब दीपक ने उसकी पीठ पर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां मार दीं. किचन की फ्लोर पर खून से लथपथ पड़ी राधिका को अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

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Source: IOCL