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पराली को जलाने की बजाय ऐसे ठिकाने लगा सकते हैं किसान, नहीं लगेगा दोगुना जुर्माना
CRM Machine Technology For Stubble: पराली जलाने वाले किसानों के लिए नियम और सख्त कर दिए गए हैं. पराली जलाने पर जुर्माना डबल कर दिया गया है. जलाने के बजाए इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं किसान.
दिवाली के बाद से ही उत्तर भारत के राज्यों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. क्योंकि दिवाली पर पटाखे बड़ा मात्रा में फोड़े जाते हैं. जिनसे हवा में प्रदूषण फैलता है. तो इसके साथ ही पराली जलाने से भी हवा का स्तर खराब होता है.
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लेकिन अब पंजाब हरियाणा समेत अन्य राज्यों में पराली जलाने वाले किसानों के लिए नियम और सख्त कर दिए गए हैं. मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के नए नोटिफिकेशन के तहत पराली जलाने पर जुर्माना बढ़ा दिया गया है.
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पहले जहां 2500 रुपये जुर्माना था, उसे 5000 रुपये का कर दिया गया है. तो वहीं जो 5000 था उसे 10000 कर दिया है. तो 10000 को 20000 और इसी तरह 15000 के जुर्माने को बढ़ाकर अब 30000 रुपये कर दिया गया है.
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अगर किसान जुर्माने से बचना चाहते हैं. तो वह पराली जलाने के बजाय अन्य तकनीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. जिसमें इन-सीटी और एक्स सीटू जैसी तकनीकें शामिल हैं. इनका इस्तेमाल करना पराली जलाने से काफी इफेक्टिव होता है.
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इन-सीटू प्रोसेस में धान की जो पराली होती है उसे सुपर-सीडर, रोटावाटर, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चॉपर और कुछ अन्य क्राॅप रेसीड्यू मैनेजनेंट की अन्य मशीनों के साथ खेत के अंदर ही तोड़ा या फिर सड़ाकर खत्म किया जाता है.
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तो वहीं इसके अलावा जो एक्स-सीटू विधि होती है उसमें धान की पराली का मैनेजमेंट करने के लिए पराली को बेलर जैसी मशीनों के जरिए बंडलों में बदल दिया जाता है और ईंधन के तौर पर बाद में इस्तेमाल में लाया जाता है.
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किसान पराली को जलाने के बजाय अगर इन सीआरएम मशीन के जरिए इन-सीटू और एक्स-सीटू विधियों का इस्तेमाल करके पराली का मैनेजमेंट करते हैं. तो उन्हें ना तो दोगुना जुर्माना देना होगा. और उनकी पराली भी बड़ी आसानी से मैनेज हो जाएगी.
Published at : 09 Nov 2024 08:13 AM (IST)
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