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20 साल की उम्र में ही फैटी क्यों हो रहा लिवर, जानें यूथ को कैसे शिकार बना रही यह बीमारी?
आजकल की गलत लाइफस्टाइल और जंक फूड की आदतें युवाओं को कम उम्र में ही फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारी का शिकार बना रही हैं. अगर समय रहते सतर्क न हुए तो यह लिवर फेलियर तक पहुंच सकती है.
कुछ साल पहले तक फैटी लिवर की समस्या सिर्फ 40 से 50 साल की उम्र के लोगों में ही ज्यादा देखी जाती थी. वह भी खासकर उन लोगों में जो शराब पीते थे या फिर मोटापे का शिकार थे, लेकिन आजकल हालात बदल गए हैं. 20 से 25 साल की उम्र में ही युवाओं को फैटी लिवर की समस्या हो रही है. इसका कारण बदलती लाइफस्टाइल, डाइट, डिप्रेशन और फिजिकल एक्टिवीटी की कमी भी है. यह समस्या गंभीर इसीलिए भी है क्योंकि अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह बीमारी आगे चलकर लिवर सिरोसिस, हार्ट डिजीज, डायबिटिज और यहां तक की लिवर फेलियर का कारण भी बन सकती है. चलिए तो आज हम आपको यहीं बताते हैं
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आजकल बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, कोल्ड ड्रिंक और प्रोसेस्ड स्नैक्स जैसे जंक फूड युवाओं की फेवरेट चीजें होती हैं, लेकिन इनमें मौजूद फ्रक्टोज और खराब फैट लिवर में जाकर ट्राइग्लिसराइड्स के रूप में जमा हो जाते हैं. यह फैट धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचता है और फैटी लिवर की शुरुआत करता है.
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इसके अलावा आज के युवा घंटों मोबाइल, लैपटॉप, गेम्स और ऑफिस वर्क के कारण एक ही जगह पर बैठे रहते हैं, जिससे फिजिकल एक्टिविटीज की कमी होती है. इसके कारण शरीर में बर्न न होने वाला फैट लिवर में जमा होने लगता है. इसमें सिर्फ मोटापा ही नहीं बल्कि लंबे समय तक बैठे रहना भी फैटी लिवर की बड़ी वजह बन रहा है
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पेट की चर्बी और मोटापा फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण होता है. अगर आपके भी पेट के आसपास में ज्यादा चर्बी है तो इसके लिए आपको सतर्क हो जाना चाहिए. पेट के अंदर जमा चर्बी लिवर को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाती है. मोटापा शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस को बढ़ाता है, जिससे लिवर फैट को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पता है.
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तनाव और नींद भी फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण बन रहा है. आजकल युवाओं में कॉलेज का प्रेशर, करियर का डर और रिलेशनशिप का टेंशन यह सब मिलकर स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को बढ़ाते हैं. इससे शरीर में फैट स्टोरिंग बढ़ जाती है, खासकर पेट और लिवर के पास. वहीं तनाव के चलते लोग कंफर्ट फूड खाना शुरू कर देते हैं, जिससे आज के युवाओं में लिवर को और ज्यादा नुकसान हो रहा है और उनके अंदर फैटी लिवर की समस्या ज्यादा बढ़ रही है.
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फैमिली हिस्ट्री और जेनेटिक्स के कारण भी फैटी लिवर बढ़ता है. कई लोगों के घर में किसी को डायबिटीज, मोटापा या लिवर की समस्या रही है तो ऐसे में आपको भी फैटी लिवर का रिस्क और बढ़ जाता है. शरीर में एक खास जीन PNPLA3 पाया गया है जो फैटी लिवर की संभावना को बढ़ाता है. भले ही व्यक्ति पतला हो या हेल्दी लेकिन फैमिली हिस्ट्री के कारण फैटी लिवर आपको भी हो सकता है.
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कई लोग सोचते हैं कि थोड़ी सी शराब पीने से क्या ही होगा, लेकिन जो लिवर पहले से ही फैटी हो चुका है. उस पर थोड़ी सी शराब भी भारी नुकसान पहुंचा सकती है. वहीं सिगरेट का धुंआ लिवर में सूजन का कारण बनता है, जिससे फैटी लिवर और तेजी से बढ़ता जाता है.
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दवाइयों के असर के कारण भी फैटी लिवर बढ़ रहा है. कुछ दवाइयां जैसे स्टेरॉयड, एंटीडिप्रेसेंट और थायराइड की दवाइयां शरीर में मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती हैं, इससे वजन और पेट बढ़ने लगता है और यह सीधे तौर पर लिवर पर असर करता है. थायराइड की गड़बड़ी से फैटी लिवर के आशंका भी ज्यादा बढ़ जाती है.
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अगर समय रहते फैटी लिवर को कंट्रोल नहीं किया जाता है तो यह Metabolic Dysfunction-Associated Steatohepatitis में बदल सकता है. यह लिवर की सूजन स्कारिंग और अंत में सिरोसिस या लिवर फेलियर का रूप ले सकता है. साथ ही हाई बीपी हार्ड डिजीज और टाइप टू डायबिटीज का खतरा भी इससे कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है.
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फैटी लिवर से बचाव करने के लिए रोजाना आपको कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करनी चाहिए. इसके अलावा चीनी और जंक फूड से भी दूरी बनाए रखनी चाहिए. वहीं फैटी लिवर से बचने के लिए आपको भरपूर नींद लेनी चाहिए और तनाव से मुक्त रहना चाहिए. इसके अलावा फैटी लिवर से बचने के लिए हेल्दी डाइट लेनी चाहिए जिसमें सब्जियां, दालें और फल शामिल हो.
Published at : 28 Jun 2025 09:51 PM (IST)
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