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ICMR ने एंटीबायोटिक की जांच के लिए जारी किए नए प्रोटोकॉल, जानें क्या है गाइडलाइन?
एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी (AMR) के नए प्रोटोकॉल में इंफेक्शन की समस्या से निपटने के लिए मदद मिल सकती है. इससे कारण डॉक्टरों मरीज इलाज करने में सुविधा होगी.
इंफेक्शन से पीड़ित मरीज में एंटीबायोटिक्स की जांच करने के लिए मार्केट में कई तरह के टेस्ट उपलब्ध हैं, लेकिन संक्रमण कितना ताकतवर है और घातक है इसके लिए कोई गाइडलाइन्स नहीं है. ऐसे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ICMR ने पैथ लैब कंपनियों की ओर से जांच और वेरिफिकेशन के लिए नए प्रोटोकॉल जारी किए हैं.
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नए प्रोटोकॉल में कहा गया है कि वेरिफिकेशन कम से कम दो अलग-अलग स्थानों पर किया जाना चाहिए और सत्यापन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नमूने के प्रकार का भी जिक्र होना चाहिए.
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इन दिनों, गंभीर संक्रमण से पीड़ित मरीज़ की एंटीबायोटिक संवेदनशीलता की जांच करना आम बात है. इससे डॉक्टरों को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि बैक्टीरिया और फंगस अलग-अलग एंटीबायोटिक के प्रति कितने संवेदनशील हैं. और वे तय कर पाते हैं कि उन्हें कौन सी दवा देनी है. हालांकि बाज़ार में कई टेस्ट किट उपलब्ध हैं. लेकिन उनकी क्षमताओं का आकलन करने के लिए कोई समान दिशा-निर्देश नहीं हैं.
Published at : 20 Jan 2025 06:45 PM (IST)
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