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Gold Price: पिछले तीन-चार साल में क्यों बढ़ गए सोने के इतने दाम, आखिर कौन खरीद रहा इतना गोल्ड?
Gold Price: पिछले कुछ सालों में सोने की कीमतें इतनी क्यों उछल गई हैं कि आम आदमी की जेब तक कांप गई. क्या इसका राज सिर्फ महंगाई है या फिर इसके पीछे कोई बड़ा वैश्विक खेल चल रहा है, चलिए जानते हैं.
Gold Price: पिछले तीन-चार सालों में सोने की चमक इतनी बढ़ी है कि अब यह सिर्फ गहनों की बात नहीं रही, बल्कि यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बन चुका है. कभी त्योहारों और शादियों में खरीदी जाने वाली यह पीली धातु आज हर निवेशक के पोर्टफोलियो में जरूरी जगह बना चुकी है. आज के समय में तो सोने के रेट इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि अब सोना खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं रही है. लेकिन एक सवाल यह है आखिर क्या वजह है कि सोना लगातार महंगा होता जा रहा है और कौन है जो इसे इतनी बड़ी मात्रा में इसे खरीद रहा है?
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असल में, पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, इन्फ्लेशन और जियोग्राफिकल टेंशन ने दुनिया भर के बाजारों को हिला कर रख दिया है. जब भी दुनिया में आर्थिक या राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ती है, लोग अपने पैसे को सुरक्षित जगह लगाने की सोचते हैं.
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ऐसे में सोना हमेशा से सेफ हेवन यानी सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है. यही कारण है कि लोग और संस्थाएं शेयर बाजार की गिरावट के बजाय सोने में भरोसा जताते हैं.
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पहला बड़ा कारण है मुद्रास्फीति. जब महंगाई बढ़ती है, तो पैसों का मूल्य घटने लगता है. ऐसे में निवेशक अपने पैसे को स्थिर संपत्ति जैसे सोने में लगाना पसंद करते हैं, ताकि उनकी बचत का मूल्य कम न हो. यही वजह है कि सोने की मांग लगातार बढ़ती जा रही है.
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दूसरा बड़ा कारण है केंद्रीय बैंकों की खरीदारी. पिछले कुछ सालों में कई देशों के सेंट्रल बैंक ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाई है. उदाहरण के तौर पर भारत, चीन, रूस और तुर्की जैसे देश लगातार टन के हिसाब से सोना खरीद रहे हैं, ताकि उनकी अर्थव्यवस्था डॉलर पर पूरी तरह निर्भर न रहे.
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तीसरा कारण है वैश्विक राजनीतिक तनाव. यूक्रेन-रूस युद्ध, चीन-अमेरिका के बीच व्यापारिक खींचतान और मध्य-पूर्व में अस्थिरता जैसे हालातों ने निवेशकों का भरोसा सोने की ओर मोड़ा है. इतिहास गवाह है कि हर संकट के समय सोना ही सबसे सुरक्षित निवेश साबित हुआ है, चाहे वह 2008 की मंदी हो या 2020 की महामारी का दौर हो.
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जब शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है, तब लोग सोने को एक भरोसेमंद विकल्प मानते हैं. केंद्रीय बैंक भी बड़े पैमाने पर सोना खरीद रहे हैं, ताकि उनकी करेंसी स्थिर रहे. वहीं, आम भारतीय जनता के लिए तो सोना सिर्फ निवेश नहीं बल्कि परंपरा, सुरक्षा और प्रतिष्ठा का प्रतीक है.
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चाहे कीमत कितनी भी बढ़ जाए, भारतीय परिवार सोने को हमेशा अपनी संपत्ति का हिस्सा मानते हैं. इसके अलावा गोल्ड ETF (Exchange Traded Funds) में हो रही लगातार खरीद ने भी कीमतों को नई ऊंचाई दी है.
Published at : 10 Oct 2025 04:24 PM (IST)
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