एक्सप्लोरर

झंडे में लाल-सफेद-हरा सब रंग दिखा, पर पर्पल नहीं? आखिर क्यों ‘कंट्री फ्लैग’ से गायब रहता है यह कलर?

Purple Colour History: अगर आपने ध्यान दिया हो तो पर्पल कलर दुनिया के झंडो से एकदम गायब है. इसके गायब होने के पीछे की वजह भी बेहद दिलचस्प है. आइए इसकी कहानी के बारे में जान लेते हैं.

Purple Colour History: अगर आपने ध्यान दिया हो तो पर्पल कलर दुनिया के झंडो से एकदम गायब है. इसके गायब होने के पीछे की वजह भी बेहद दिलचस्प है. आइए इसकी कहानी के बारे में जान लेते हैं.

देशों के झंडों पर नजर डालें तो रंगों की दुनिया खुली किताब की तरह सामने आ जाती है- लाल की आंच, सफेद की शांति, हरे की ताजगी… लेकिन एक रंग ऐसा है जो दुनिया के झंडों से ऐसे गायब है जैसे उस रंग के साथ किसी राज को छिपाकर रखा गया हो. उस कलर का नाम है पर्पल! आखिर ऐसा क्या है इस रंग में कि यह राष्ट्रीय ध्वजों से लगभग बाहर कर दिया गया? कहानी सिर्फ रंग की नहीं, सत्ता, धन और सदियों पुराने राज की है, जिसने ‘बैंगनी’ को आम लोगों की पहुंच से दूर रखा.

1/7
दुनिया के हर देश का झंडा किसी न किसी पहचान, इतिहास और भावनाओं का प्रतीक होता है, लेकिन इन झंडों की भीड़ में एक चीज सबसे ज्यादा चौंकाती है, बैंगनी रंग की लगभग पूरी अनुपस्थिति. ऐसा क्यों? आखिर क्यों सभी देशों ने झंडों में पर्पल रंग को नजरअंदाज किया?
दुनिया के हर देश का झंडा किसी न किसी पहचान, इतिहास और भावनाओं का प्रतीक होता है, लेकिन इन झंडों की भीड़ में एक चीज सबसे ज्यादा चौंकाती है, बैंगनी रंग की लगभग पूरी अनुपस्थिति. ऐसा क्यों? आखिर क्यों सभी देशों ने झंडों में पर्पल रंग को नजरअंदाज किया?
2/7
आज बैंगनी रंग आपको कपड़ों, लाइटिंग, इंटीरियर और फैशन की दुनिया में आसानी से दिख जाता है, लेकिन इतिहास के लंबे दौर में यह ‘रंग’ नहीं, बल्कि ‘शक्ति’ और ‘शाही अधिकार’ का निशान था. बैंगनी रंग की कीमत इतनी अधिक थी कि इसे खरीदना एक समय पर सोना खरीदने से भी महंगा माना जाता था.
आज बैंगनी रंग आपको कपड़ों, लाइटिंग, इंटीरियर और फैशन की दुनिया में आसानी से दिख जाता है, लेकिन इतिहास के लंबे दौर में यह ‘रंग’ नहीं, बल्कि ‘शक्ति’ और ‘शाही अधिकार’ का निशान था. बैंगनी रंग की कीमत इतनी अधिक थी कि इसे खरीदना एक समय पर सोना खरीदने से भी महंगा माना जाता था.
3/7
लेकिन यह इतना महंगा क्यों था, इसका कारण छुपा है उसके स्रोत में- एक छोटे से समुद्री घोंघे ‘म्योरैक्स’ में. यह घोंघा लेबनान के तट पर मिलता था, और इसकी ग्रंथि से बेहद कम मात्रा में बैंगनी रंग निकलता था. समस्या यह थी कि एक ग्राम रंग तैयार करने के लिए 10,000 से ज्यादा घोंघे मारने पड़ते थे. यही कारण था कि पर्पल रंग इतिहास में सबसे महंगे रंगों की सूची में शीर्ष पर रहा.
लेकिन यह इतना महंगा क्यों था, इसका कारण छुपा है उसके स्रोत में- एक छोटे से समुद्री घोंघे ‘म्योरैक्स’ में. यह घोंघा लेबनान के तट पर मिलता था, और इसकी ग्रंथि से बेहद कम मात्रा में बैंगनी रंग निकलता था. समस्या यह थी कि एक ग्राम रंग तैयार करने के लिए 10,000 से ज्यादा घोंघे मारने पड़ते थे. यही कारण था कि पर्पल रंग इतिहास में सबसे महंगे रंगों की सूची में शीर्ष पर रहा.
4/7
पुराने दौर में जब झंडे हाथ से बनाए जाते थे, तब लाखों में बिकने वाला रंग किसी देश के लिए सिर्फ एक रंग नहीं, बल्कि आर्थिक बोझ बन जाता था. यही वजह थी कि मध्यकालीन साम्राज्य, राजघराने, और यहां तक कि उभरते राष्ट्र भी इस रंग से दूरी बनाए रखते थे.
पुराने दौर में जब झंडे हाथ से बनाए जाते थे, तब लाखों में बिकने वाला रंग किसी देश के लिए सिर्फ एक रंग नहीं, बल्कि आर्थिक बोझ बन जाता था. यही वजह थी कि मध्यकालीन साम्राज्य, राजघराने, और यहां तक कि उभरते राष्ट्र भी इस रंग से दूरी बनाए रखते थे.
5/7
झंडे में पर्पल डालना उस समय एक पूरी युद्ध की लागत के बराबर पड़ सकता था. अब आप ही सोचिए, कौन यह जोखिम लेता? इतिहास में बैंगनी सिर्फ महंगा नहीं था, यह सत्ता का प्रतीक भी बन गया था. यूरोप के कई देशों में यह कानून बन चुका था कि पर्पल सिर्फ शाही परिवार, साम्राज्य के उच्च पदस्थ लोगों या धार्मिक प्रमुखों के लिए आरक्षित होगा.
झंडे में पर्पल डालना उस समय एक पूरी युद्ध की लागत के बराबर पड़ सकता था. अब आप ही सोचिए, कौन यह जोखिम लेता? इतिहास में बैंगनी सिर्फ महंगा नहीं था, यह सत्ता का प्रतीक भी बन गया था. यूरोप के कई देशों में यह कानून बन चुका था कि पर्पल सिर्फ शाही परिवार, साम्राज्य के उच्च पदस्थ लोगों या धार्मिक प्रमुखों के लिए आरक्षित होगा.
6/7
सबसे मशहूर उदाहरण ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ द्वारा दिया गया आदेश है. साधारण जनता पर्पल नहीं पहन सकती है. रंग पर ऐसा प्रतिबंध दुनिया में कहीं और शायद ही देखने को मिले. तो, जब पर्पल रंग आम लोगों के कपड़े तक नहीं छू सकता था, तो किसी राष्ट्र के झंडे तक पहुंचना लगभग असंभव ही था. यही वजह है कि दुनिया के लगभग सभी झंडों ने इसे नजरअंदाज किया.
सबसे मशहूर उदाहरण ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ द्वारा दिया गया आदेश है. साधारण जनता पर्पल नहीं पहन सकती है. रंग पर ऐसा प्रतिबंध दुनिया में कहीं और शायद ही देखने को मिले. तो, जब पर्पल रंग आम लोगों के कपड़े तक नहीं छू सकता था, तो किसी राष्ट्र के झंडे तक पहुंचना लगभग असंभव ही था. यही वजह है कि दुनिया के लगभग सभी झंडों ने इसे नजरअंदाज किया.
7/7
लेकिन इस कहानी का दिलचस्प मोड़ यह है कि आधुनिक दुनिया में सिर्फ दो देशों ने इस परंपरा को तोड़ा. डॉमिनिका और निकारागुआ इन दोनों के झंडों में पर्पल रंग दिखाई देता है, वो भी बहुत छोटी मात्रा में. इन दोनों देशों ने पर्पल को अपनी ऐतिहासिक या प्राकृतिक पहचान से जोड़कर स्थान दिया, हालांकि यह प्रयोग भी झंडे की पूरी सतह पर नहीं बल्कि प्रतीक चिन्हों में ही दिखता है.
लेकिन इस कहानी का दिलचस्प मोड़ यह है कि आधुनिक दुनिया में सिर्फ दो देशों ने इस परंपरा को तोड़ा. डॉमिनिका और निकारागुआ इन दोनों के झंडों में पर्पल रंग दिखाई देता है, वो भी बहुत छोटी मात्रा में. इन दोनों देशों ने पर्पल को अपनी ऐतिहासिक या प्राकृतिक पहचान से जोड़कर स्थान दिया, हालांकि यह प्रयोग भी झंडे की पूरी सतह पर नहीं बल्कि प्रतीक चिन्हों में ही दिखता है.

जनरल नॉलेज फोटो गैलरी

और देखें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India vs Russia Economy: भारत से आधी है रूस की GDP,  दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां है रूस का नंबर?
भारत से आधी है रूस की GDP, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां है रूस का नंबर?
यूपी में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से किया किनारा? पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का किया ऐलान
यूपी में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से किया किनारा? पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का किया ऐलान
इंडिगो फ्लाइट में बम की धमकी, मदीना से हैदराबाद आ रहे विमान को अहमदाबाद में किया गया डायवर्ट
इंडिगो फ्लाइट में बम की धमकी, मदीना से हैदराबाद आ रहे विमान को अहमदाबाद में किया गया डायवर्ट
क्विंटन डीकॉक के आउट होने पर विराट कोहली ने किया 'बाबा जी का ठुल्लू' वाला एक्शन, वीडियो वायरल
क्विंटन डीकॉक के आउट होने पर विराट कोहली ने किया 'बाबा जी का ठुल्लू' वाला एक्शन, वीडियो वायरल
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Putin India Visit: भारतीय मूल के रूस के विधायक Abhay Singh बोले, 'कोई देश नहीं टिक पाएगा' | PM Modi
Putin India Visit: भारतीय मूल के रूस के विधायक Abhay Singh बोले, 'कोई देश नहीं टिक पाएगा' | PM Modi
Putin India Visit: Delhi में पुतिन की यात्रा से पहले रुस हाऊस में फोटों प्रदर्शन | abp #shorts
Delhi Pollution: 'किस मौसम का मजा लें' | Priyanka Gandhi | abp  #shorts
Naxal News: 12 नक्सलियों के मारे जाने पर CM विष्णु देव का बयान !  | Chhatisgarh | abp #shorts

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India vs Russia Economy: भारत से आधी है रूस की GDP,  दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां है रूस का नंबर?
भारत से आधी है रूस की GDP, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां है रूस का नंबर?
यूपी में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से किया किनारा? पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का किया ऐलान
यूपी में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से किया किनारा? पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का किया ऐलान
इंडिगो फ्लाइट में बम की धमकी, मदीना से हैदराबाद आ रहे विमान को अहमदाबाद में किया गया डायवर्ट
इंडिगो फ्लाइट में बम की धमकी, मदीना से हैदराबाद आ रहे विमान को अहमदाबाद में किया गया डायवर्ट
क्विंटन डीकॉक के आउट होने पर विराट कोहली ने किया 'बाबा जी का ठुल्लू' वाला एक्शन, वीडियो वायरल
क्विंटन डीकॉक के आउट होने पर विराट कोहली ने किया 'बाबा जी का ठुल्लू' वाला एक्शन, वीडियो वायरल
चंद्रचूड़ सिंह की पुश्तैनी हवेली की इनसाइड तस्वीरें, करोड़ों की इस जायदाद को रिश्तेदारों ने हड़पा
चंद्रचूड़ सिंह की पुश्तैनी हवेली की इनसाइड तस्वीरें, करोड़ों की इस जायदाद को रिश्तेदारों ने हड़पा
Explained: व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कितना ऐतिहासिक, क्या रिश्ते और मजूबत होंगे, अमेरिका-यूरोप को जलन क्यों?
Explained: व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कितना ऐतिहासिक, क्या रिश्ते और मजूबत होंगे, अमेरिका-यूरोप को जलन क्यों?
दिल्ली के स्कूलों में आज से शुरू हो रहे नर्सरी एडमिशन, यहां देखें कौन से डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
दिल्ली के स्कूलों में आज से शुरू हो रहे नर्सरी एडमिशन, यहां देखें कौन से डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी,  पाकिस्तान में एचआईवी संक्रमण ने लिया महामारी का रूप
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी, पाकिस्तान में एचआईवी संक्रमण ने लिया महामारी का रूप
Embed widget