एक्सप्लोरर

मंदिरों के झंडे हमेशा त्रिकोण ही क्यों होते हैं, आस्था या विज्ञान आखिर क्या है इसके पीछे का सच?

Hindu Temples Flag Shape: मंदिरों का त्रिकोण झंडा सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि ऊर्जा, विज्ञान और आध्यात्मिक रहस्यों का ऐसा संगम है जो सदियों से वही आकार बनाए हुए है. चलिए जानते हैं.

Hindu Temples Flag Shape: मंदिरों का त्रिकोण झंडा सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि ऊर्जा, विज्ञान और आध्यात्मिक रहस्यों का ऐसा संगम है जो सदियों से वही आकार बनाए हुए है. चलिए जानते हैं.

रोजाना मंदिरों के दर्शन करते हुए हम उसकी घंटियों, दीपकों और प्रांगण की शांति को महसूस तो करते हैं, लेकिन एक चीज को अनदेखा कर जाते हैं और वह है मंदिर की चोटी पर हवा से लहराता हुआ वो त्रिकोण झंडा, जो हमेशा एक जैसा होता है. न गोल, न चौकोर, न बहुरंगी पैटर्न… सिर्फ त्रिकोण. क्या यह सिर्फ परंपरा है? या इसके पीछे छिपा है कोई ऐसा रहस्य, जिसे सदियों से समझा तो गया लेकिन समझाया कम गया? यही सवाल आज इस रिपोर्ट का सबसे बड़ा ट्विस्ट लेकर आता है.

1/7
मंदिरों की पहचान सिर्फ उनकी शिखर, घंटी या मूर्तियों से नहीं बनती, बल्कि उस ऊंचाई पर लहराते उस त्रिकोण झंडे से भी बनती है, जो भक्तों को दूर से ही बता देता है कि इस दिशा में ईश्वर का घर है. मगर कभी ध्यान दिया कि हर मंदिर का झंडा सिर्फ और सिर्फ त्रिकोण ही क्यों होता है? जैसे बाकी ध्वजों का आकार बदलता रहता है, मगर मंदिर का झंडा हर मौसम, हर युग और हर संस्कृति में एक ही आकार का क्यों रहा?
मंदिरों की पहचान सिर्फ उनकी शिखर, घंटी या मूर्तियों से नहीं बनती, बल्कि उस ऊंचाई पर लहराते उस त्रिकोण झंडे से भी बनती है, जो भक्तों को दूर से ही बता देता है कि इस दिशा में ईश्वर का घर है. मगर कभी ध्यान दिया कि हर मंदिर का झंडा सिर्फ और सिर्फ त्रिकोण ही क्यों होता है? जैसे बाकी ध्वजों का आकार बदलता रहता है, मगर मंदिर का झंडा हर मौसम, हर युग और हर संस्कृति में एक ही आकार का क्यों रहा?
2/7
यह सवाल अपनी जगह उतना ही रोचक है जितनी मंदिरों की सदियों पुरानी वास्तुकला, और इसे समझने के लिए हमें धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ ऊर्जा विज्ञान तक झांकना पड़ता है. ऊर्जा विज्ञान के मुताबिक त्रिकोण ऐसा आकार है, जो ऊपर उठती ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
यह सवाल अपनी जगह उतना ही रोचक है जितनी मंदिरों की सदियों पुरानी वास्तुकला, और इसे समझने के लिए हमें धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ ऊर्जा विज्ञान तक झांकना पड़ता है. ऊर्जा विज्ञान के मुताबिक त्रिकोण ऐसा आकार है, जो ऊपर उठती ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
3/7
यानी इससे निकलने वाली ऊर्जा हमेशा ऊपर की दिशा में प्रवाहित होती है. मंदिर का शिखर भी इसी सिद्धांत पर बनता है कि ऊर्जा को ऊपर की ओर खींचने के लिए. जब त्रिकोणाकार झंडा हवा में लहराता है, तो उसकी नुकीली आकृति वातावरण में मौजूद सकारात्मक तरंगों को मंदिर के ऊपर केंद्रित करती है.
यानी इससे निकलने वाली ऊर्जा हमेशा ऊपर की दिशा में प्रवाहित होती है. मंदिर का शिखर भी इसी सिद्धांत पर बनता है कि ऊर्जा को ऊपर की ओर खींचने के लिए. जब त्रिकोणाकार झंडा हवा में लहराता है, तो उसकी नुकीली आकृति वातावरण में मौजूद सकारात्मक तरंगों को मंदिर के ऊपर केंद्रित करती है.
4/7
इस तरह यह झंडा मंदिर की ऊर्जा को पूरे परिसर में फैलाता है, ठीक वैसे ही जैसे किसी दीपक की लौ कमरे में उजाला फैलाती है. त्रिकोण सिर्फ एक आकार नहीं है, यह हिंदू दर्शन में गूढ़ संकेत माना जाता है.
इस तरह यह झंडा मंदिर की ऊर्जा को पूरे परिसर में फैलाता है, ठीक वैसे ही जैसे किसी दीपक की लौ कमरे में उजाला फैलाती है. त्रिकोण सिर्फ एक आकार नहीं है, यह हिंदू दर्शन में गूढ़ संकेत माना जाता है.
5/7
कहा जाता है कि एक त्रिकोण तीन शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है- सृजन, पालन और संहार. यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संतुलन. मंदिर पर लगा झंडा यह बताता है कि देवालय वह स्थान है जहां ये तीनों शक्तियां  एक साथ मौजूद रहती हैं. यही कारण है कि यह झंडा सिर्फ सजावट नहीं बल्कि आध्यात्मिक पहचान माना जाता है.
कहा जाता है कि एक त्रिकोण तीन शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है- सृजन, पालन और संहार. यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संतुलन. मंदिर पर लगा झंडा यह बताता है कि देवालय वह स्थान है जहां ये तीनों शक्तियां एक साथ मौजूद रहती हैं. यही कारण है कि यह झंडा सिर्फ सजावट नहीं बल्कि आध्यात्मिक पहचान माना जाता है.
6/7
प्राचीन काल में झंडे मंदिर की पहचान, दिशा और स्थिति बताने का तरीका भी थे. अगर झंडा लहरा रहा है, इसका मतलब मंदिर खुला है, पूजा चल रही है और देवस्थान जीवित है. अगर झंडा न हो, तो यह किसी कारण संचालन बंद होने का संकेत होता था. यानी झंडे का काम सिर्फ धार्मिक नहीं, व्यावहारिक भी था.
प्राचीन काल में झंडे मंदिर की पहचान, दिशा और स्थिति बताने का तरीका भी थे. अगर झंडा लहरा रहा है, इसका मतलब मंदिर खुला है, पूजा चल रही है और देवस्थान जीवित है. अगर झंडा न हो, तो यह किसी कारण संचालन बंद होने का संकेत होता था. यानी झंडे का काम सिर्फ धार्मिक नहीं, व्यावहारिक भी था.
7/7
विज्ञान यह है कि हवा की गति को त्रिकोण सबसे बेहतर तरीके से काटता है. ऊंचाई पर तेज हवा झंडे को जल्दी फाड़ देती है, लेकिन त्रिकोण आकार हवा में संतुलित रहता है. यानी यह धर्म और विज्ञान दोनों के हिसाब से सबसे टिकाऊ आकार साबित होता है.
विज्ञान यह है कि हवा की गति को त्रिकोण सबसे बेहतर तरीके से काटता है. ऊंचाई पर तेज हवा झंडे को जल्दी फाड़ देती है, लेकिन त्रिकोण आकार हवा में संतुलित रहता है. यानी यह धर्म और विज्ञान दोनों के हिसाब से सबसे टिकाऊ आकार साबित होता है.

जनरल नॉलेज फोटो गैलरी

और देखें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

अगर दिया भड़काऊ भाषण तो हो सकती है 10 साल तक की जेल, इस राज्य में कैबिनेट ने पास किया कानून, विधानसभा में होगा पेश
अगर दिया भड़काऊ भाषण तो हो सकती है 10 साल तक की जेल, इस राज्य में कैबिनेट ने पास किया कानून
क्या झारखंड में बदलने वाली है सरकार? मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान, 'हेमंत सोरेन...'
क्या झारखंड में बदलने वाली है सरकार? CM हेमंत सोरेन का नाम लेकर मंत्री ने दिया बड़ा बयान
'इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं क्योंकि भारत...', G-7 में रूस के शामिल होने के सवाल पर पुतिन का क्लीयर जवाब
'इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं क्योंकि भारत...', G-7 में रूस के शामिल होने के सवाल पर पुतिन का क्लीयर जवाब
तीसरे और निर्णायक वनडे के लिए Vizag पहुंची टीम इंडिया, कुछ इस अंदाज में दिखे विराट कोहली
तीसरे और निर्णायक वनडे के लिए Vizag पहुंची टीम इंडिया, कुछ इस अंदाज में दिखे विराट कोहली
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

सुंदर बच्चियों की 'सीरियल किलर' LADY !  | Sansani | Crime News
India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit
Bharat ki Baat: भारत में दिखा 'दोस्ती का दम', पुतिन का जबरदस्त वेलकम! | Putin India Visit
पुतिन दौरे पर राहुल का 'डिप्लोमेसी बम'...दावे में कितना दम? । Sandeep Chaudhary । Putin India Visit

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अगर दिया भड़काऊ भाषण तो हो सकती है 10 साल तक की जेल, इस राज्य में कैबिनेट ने पास किया कानून, विधानसभा में होगा पेश
अगर दिया भड़काऊ भाषण तो हो सकती है 10 साल तक की जेल, इस राज्य में कैबिनेट ने पास किया कानून
क्या झारखंड में बदलने वाली है सरकार? मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान, 'हेमंत सोरेन...'
क्या झारखंड में बदलने वाली है सरकार? CM हेमंत सोरेन का नाम लेकर मंत्री ने दिया बड़ा बयान
'इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं क्योंकि भारत...', G-7 में रूस के शामिल होने के सवाल पर पुतिन का क्लीयर जवाब
'इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं क्योंकि भारत...', G-7 में रूस के शामिल होने के सवाल पर पुतिन का क्लीयर जवाब
तीसरे और निर्णायक वनडे के लिए Vizag पहुंची टीम इंडिया, कुछ इस अंदाज में दिखे विराट कोहली
तीसरे और निर्णायक वनडे के लिए Vizag पहुंची टीम इंडिया, कुछ इस अंदाज में दिखे विराट कोहली
DDLJ को पूरे हुए 30 साल तो खुशी से फूले नहीं समाए शाहरुख खान, काजोल संग दिए राज-सिमरन जैसे पोज
DDLJ को पूरे हुए 30 साल तो खुशी से फूले नहीं समाए शाहरुख खान, कही दिल की बात
अब वजन घटाने डाइट के लिए प्लान बनाना आसान, फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया ChatGPT का स्मार्ट तरीका
अब वजन घटाने डाइट के लिए प्लान बनाना आसान, फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया ChatGPT का स्मार्ट तरीका
आधार-UAN लिंकिंग की डेडलाइन खत्म, चूक गए तो अब नहीं कर पाएंगे ये काम
आधार-UAN लिंकिंग की डेडलाइन खत्म, चूक गए तो अब नहीं कर पाएंगे ये काम
इंग्लिश असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के परिणाम से बड़ा झटका, 613 पद, पास सिर्फ 151 उम्मीदवार; जानें क्या है पूरा मामला
इंग्लिश असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के परिणाम से बड़ा झटका, 613 पद, पास सिर्फ 151 उम्मीदवार; जानें क्या है पूरा मामला
Embed widget