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कितनी बार में फटता है हाइड्रोजन बम, 73 साल पहले बना था तो इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ?

परमाणु बम से 1000 गुना खतरनाक हाइड्रोजन बम होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज तक हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ है और इसका विस्फोट कितना खतरनाक होता है. जानिए कितना खतरनाक है ये बम.

दुनियाभर में जब भी किसी खतरनाक बम की बात होती है, तो सबसे पहले परमाणु बम का नाम आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि परमाणु बम से भी 1000 गुना ज्यादा खतरनाक एक बम है. जिसे हाइड्रोजन बम कहते हैं. आज तक इस बम का कभी भी इस्तेमाल नहीं किया गया है. लेकिन ये इतना घातक है कि देश तक को खत्म कर सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि हाइड्रोजन बम को कितना खतरनाक क्यों कहते हैं. 

हाइड्रोजन बम

बता दें कि हाइड्रोजन बम का परीक्षण एक मार्च 1954 के दिन हुआ था. अमेरिका ने इस हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था और यह मानव इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट था. आप इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि ये हिरोशिमा को नष्ट करने वाले परमाणु बम से हज़ार गुना ज़्यादा शक्तिशाली था. इतना ही नहीं प्रशांत क्षेत्र में स्थित मार्शल द्वीपों के बिकिनी द्वीपसमूह में हुए इस विस्फोट के प्रभाव का आकलन करने वाले यंत्र भी इसकी तीव्रता को मापने में असफल हुए थे. इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये हिरोशिमा को नष्ट करने वाले परमाणु बम से हज़ार गुना ज़्यादा शक्तिशाली था. 

अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट  

हाइड्रोजन बम का परीक्षण अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट परीक्षण था. आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि प्रशांत क्षेत्र में स्थित मार्शल द्वीपों के बिकिनी द्वीपसमूह में किए गए इस विस्फोट के प्रभाव का आकलन करने वाले यंत्र भी इसकी तीव्रता को मापने में असफल हुए थे. यह बम वैज्ञानिकों के आकलन से भी कहीं ज्यादा शक्तिशाली था.

हाइड्रोजन बम और परमाणु बम में अंतर

अब सवाल ये है कि हाइड्रोजन बम और परमाणु बम में क्या अंतर है. बता दें कि हाइड्रोजन बम परमाणु बम का ही एक प्रकार है. जानकारी के मुताबिक हाइड्रोजन बम और परमाणु बम के बीच विस्फोट प्रकिया का मुख्य अंतर होता है. सबसे पहला हाइड्रोजन बम 1 नंवबर 1952 को विस्फोट हुआ था. बता दें कि हाइड्रोजन बम में फ्यूज़न या संलयन की प्रक्रिया होती है. फ्यूज़न में दो हल्के परमाणुओं के मिलने से भारी तत्व बनने पर ऊर्जा बनती है. इसको बनाने में हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम और ट्राइटिरियम का प्रयोग होता है. परमाणुओं के संलयन से ही विस्फोट होता है. 

हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल कब हुआ?

हाइड्रोजन बम का आज तक इस्तेमाल नहीं हुआ है. क्योंकि ये भी परमाणु बम का एक प्रकार है. दुनियाभर में आज तक परमाणु बम का इस्तेमाल सिर्फ एक बार हुआ है. बता दें कि करीब आठ दशक पहले अमेरिका ने परमाणु बम का इस्तेमाल हिरोशिमा-नागासाकी पर किया गया था. इस हमले को एक लंबा वक्त बीत चुका है, लेकिन इसकी खौफनाक यादें आज तक ताजा हैं. इसके बाद दुनिया की किसी जंग में परमाणु बम इस्तेमाल तो नहीं हुआ, लेकिन इसका जिक्र हर युद्ध में होता है. इतना ही नहीं दुनिया को परमाणु हथियारों के खतरे से बचाने के लिए इस संधि पर 190 देशों ने हस्ताक्षर किया है. परमाणु संधि को नॉन प्रॉलिफ़रेशन ट्रीटी (एनपीटी) के नाम से भी जाना जाता है. इस संधि को साल 1968 में अपनाया गया था और यह 1970 में लागू हुई थी.

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