Sandeep Chaudhary का सवाल, स्कूल की छत गिरने से 7 छात्रों की मौत, कौन है जिम्मेदार? | Rajasthan
राजस्थान के झालावाड़ में एक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और बीस बच्चे जख्मी हुए. यह घटना प्रार्थना सभा के दौरान हुई. स्कूल की छत पाँच साल से जर्जर थी और इसकी शिकायतें भी की गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस घटना के चौबीस घंटे के भीतर ही सूबे के शिक्षा मंत्री Madan Dilawar का भरतपुर के जगीना गाँव में फूलों से स्वागत किया गया. मंत्री झालावाड़ नहीं गए. झालावाड़ में स्कूल तक जाने वाली कच्ची सड़क रातों-रात बन गई, लेकिन जर्जर छत दुरुस्त नहीं हुई. इस पर सवाल उठे कि क्या देश में 'टोपी ट्रांसफर' का खेल चल रहा है, जहाँ पिछली सरकार को हर बुराई के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. मंत्री ने कहा, "ये सरकारी प्रोसेसर है। इसमें टेंडर भी होते हैं। और जो प्रोसेसर होता है वो सारा का सारा होता है, कोई घर का काम तो है नहीं जो जेब से निकाल के आंधी रात को।" उन्होंने यह भी कहा कि "1.75 साल ही हुए हैं। हमें सरकार में आये हुए 5 साल पूरे हो जाएंगे तब तक वो पैसा पहुँच जाएगा।" बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र में भी पुल गिरने और सड़कों में गड्ढों जैसी बुनियादी ढाँचे की विफलताएँ सामने आईं. पुरानी सरकारी योजनाओं के नाम बदलने का भी जिक्र हुआ. यह सब जवाबदेही तय न होने की स्थिति को दर्शाता है.
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