General Knowledge: दुनिया में अलग-अलग समय पर होते हैं दिन-रात, तो कैसे तय होता है घड़ी का समय,जानिए
आपके मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि दिन-रात यानी समय के फर्क के बीच दुनिया में कैसे घड़ी का टाइम तय होता है.

Standard Time Line: हमारी धरती का आकार बहुत बड़ा है. आपने यह तो सुना ही होगा कि जब हमारे देश में रात होती है या दिन होता है तो दुनिया की तमाम दूसरी जगहों पर इसके विपरीत दिन या रात होती है. चूंकि हमारे देश में क्रिकेट बहुत देखा जाता है तो उसी से एक उदाहरण देता हूं. हमने अक्सर देखा है कि जब हमारे देश की टीम इंग्लैंड या वेस्टइंडीज जैसी जगहों पर जाकर क्रिकेट खेलती है तो हमारे यहां और उस देश के समय में फर्क होता है. कभी हमारे यहां रात हो चुकी होती है तो वहां एकदम धूप खिली होती है. ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि दिन-रात यानी समय के फर्क के बीच दुनिया में कैसे घड़ी का टाइम तय होता है. अपने इस आर्टिकल में हम आपको इसी पेचीदगी को सामान्य तरीके से समझाएंगे-
पहले समझिए ग्लोब-
जब आप किसी ग्लोब या फिर दुनिया के नक्शे को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि उसमें दो तरह की रेखाएं दिखाई दे रही हैं. क्षैतिज या लेटी हुई रेखाएं (हॉरिजॉन्टल रेखाएं) और दूसरी लंबवत(वर्टिकल) खींची गई रेखाएं. इनमें लेटी हुई यानी क्षैतिज रेखाओं को 'अक्षांश रेखा' और लंबवत रेखाओं को 'देशांतर रेखा' कहते हैं. अक्षांश रेखाएं जहां धरती के पश्चिम से पूरब खींची गई हैं वही देशांतर रेखाएं उत्तर से दक्षिण. इन्हीं लंबवत यानी देशांतर रेखाओं से घड़ी के समय निर्धारण का संबंध है. इन्हीं देशांतर रेखाओं में एक रेखा है जिसे धरती के बीचों-बीचों से माना गया है. इसे ग्रीनविच रेखा या ज़ीरो डिग्री देशांतर रेखा कहते हैं.
ग्रीनविच मानक समय रेखा(G.M.T.)या ज़ीरो डिग्री देशांतर रेखा-
समय के निर्धारण में इसी रेखा की सबसे बड़ी भूमिका है. इंग्लैंड की 'ग्रीनविच वेधशाला' से से होकर खींचे जाने की वजह से ज़ीरो डिग्री देशांतर रेखा को 'ग्रीनविच रेखा' कहा गया. दुनिया के सभी देशों ने समय में स्पष्टता लाने के लिए इस रेखा को मानक रेखा माना है. इस रेखा के पूरब में जाने पर समय बढ़ता है और पश्चिम में जाने पर समय घटता है. उदाहरण के लिए जब इस रेखा से पूरब यानी भारत की ओर चलेंगे तो घड़ी का समय बढ़ता जाएगा. यही कारण है कि भारत का समय इंग्लैंड से 5.30 घंटा आगे है. वहीं जब यहां से अमेरिका की ओर यानी पश्चिम में बढेंगे तो घड़ी के समय में कमी होगी.
ऐसे होता है समय में बदलाव-
ज़ीरो डिग्री देशांतर से हर 1 डिग्री देशांतर पूरब जाने पर जहां 4 मिनट की बढ़ोत्तरी होगी वहीं 1 डिग्री देशांतर पश्चिम की ओर जाने पर समय में 4 मिनट की कमी होगी. इसी हिसाब से भारत ग्रीनविच रेखा से 5.30 घंटा आगे है. जब इंग्लैंड में रात के 12 बजे होंगे तो हमारे देश में समय सुबह का 5.30 होगा.
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