क्या सिर्फ विदेशी लड़कियां ही बन सकती हैं IPL में चीयर लीडर? जानें कैसे होती है भर्ती
आज हम आपको बताएंगे कि IPL में चीयरलीडर बनने के लिए क्या करना होता है. आइए जानते हैं ऑडिशन से लेकर ट्रेनिंग तक का पूरा प्रोसेस...

IPL यानी इंडियन प्रीमियर लीग सिर्फ क्रिकेट का खेल ही नहीं, बल्कि ग्लैमर, एंटरटेनमेंट और जोश का मेल है. जैसे ही मैदान पर कोई खिलाड़ी छक्का लगाता है या विकेट गिरता है, वैसे ही स्टेडियम में चमकीले कपड़ों में थिरकती लड़कियों का एक ग्रुप नजर आता है, जो अपने डांस और एनर्जी से माहौल में जान भर देता है. यही हैं IPL की चीयरलीडर्स. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये चीयरलीडर्स कैसे चुनी जाती हैं और क्या सिर्फ विदेशी लड़कियां ही इस रोल के लिए चुनी जाती हैं?
IPL चीयरलीडर बनना किसी के लिए भी मुमकिन
सबसे पहले इस भ्रम को दूर कर लें कि IPL में सिर्फ विदेशी लड़कियां ही चीयरलीडर बन सकती हैं. ऐसा बिल्कुल नहीं है. भारतीय लड़कियां भी IPL में चीयरलीडिंग कर सकती हैं, बस उनके पास जरूरी स्किल्स और क्वालिटीज होनी चाहिए. रिपोर्ट्स के अनुसार IPL फ्रेंचाइजियां प्रोफेशनल एजेंसियों के जरिए ऑडिशन आयोजित करती हैं, जहां भारतीय और विदेशी दोनों कैंडिडेट्स को मौका दिया जाता है.
क्या चाहिए एक IPL चीयरलीडर बनने के लिए?
IPL चीयरलीडर बनने के लिए सिर्फ डांस आना ही काफी नहीं है. इसके लिए आपके पास आत्मविश्वास, स्टेज प्रेजेंस, और भीड़ के सामने परफॉर्म करने का अनुभव होना जरूरी होता है. साथ ही, इंग्लिश की बेसिक समझ भी होनी चाहिए ताकि टीम से सही तरीके से कम्युनिकेशन हो सके. उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए.
सेलेक्शन प्रोसेस और ट्रेनिंग
चीयरलीडर बनने के लिए सबसे पहले ऑडिशन होता है. इसमें लाइव परफॉर्मेंस, इंटरव्यू और कई बार एक छोटा टेस्ट भी लिया जाता है, जिससे आपकी पर्सनैलिटी और एनर्जी को परखा जाता है. जो लोग इस स्टेज को पास कर लेते हैं, उन्हें एक ट्रेनिंग प्रोग्राम से गुजरना पड़ता है.
इस ट्रेनिंग में उन्हें डांस रिहर्सल, स्टेमिना बिल्डिंग, टीम के एंथम सॉन्ग पर मूव्स और स्टेज प्रेजेंस जैसे जरूरी स्किल्स सिखाए जाते हैं. यही नहीं, उन्हें दर्शकों से जुड़ने की टेक्निक्स और लाइव कैमरे के सामने कॉन्फिडेंट रहने का अभ्यास भी कराया जाता है.
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Source: IOCL





















