MRI और CT Scan कराने से पहले जान लीजिए उनके बीच का ये अंतर
यह दोनों मशीनें देखने में भले एक जैसी लगती हों, लेकिन इन दोनों के बीच बड़ा अंतर है. MRI मशीन जहां रेडियो तरंगों के जरिए काम करती है, वहीं सिटी स्कैन मशीन एक्स-रे के जरिए काम करती है.

समय के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी काफी बदलाव हो रहे हैं. आधुनिकता इस क्षेत्र को और सशक्त बना रही है. आज कई ऐसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी आ गई हैं जिनकी मदद से डॉक्टर बीमारी का महज कुछ सेकेंड में ही पता लगा लेते हैं. सीटी स्कैन और एमआरआई भी ऐसे ही आधुनिक टेक्नोलॉजी हैं, इनसे शरीर की अंदर की तस्वीरें ली जाती हैं और बीमारी की पहचान की जाती है. यह दोनों मशीनें भले ही देखने में एक जैसी लगती हों, लेकिन यह एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. इनका काम भी बिल्कुल अलग अलग है. आज इस आर्टिकल में हम आपको सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन में अंतर बताएंगे.
सीटी स्कैन का क्या काम होता है
सीटी स्कैन का काम शरीर के अंदर टूटी हड्डियों का पता लगाना होता है. इसके साथ ही इस मशीन के द्वारा शरीर के अंदर ट्यूमर, कैंसर, इंटरनल ब्लीडिंग, संक्रमण आदि का भी पता लगाया जा सकता है. साफ शब्दों में कहें तो यह मशीन शरीर के अंदर मौजूद बहुत ज्यादा गंभीर बीमारियों की जांच के लिए उपयोग की जाती है.
MRI मशीन का प्रयोग क्यों होता है
MRI मशीन का प्रयोग दिमाग, कलाई, छाती, हृदय रोग, टखने और जोड़ों के अंदर मौजूद बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह मशीन परीक्षण के दौरान बहुत ज्यादा शोर करती है. इस मशीन की कीमत बहुत ज्यादा होती है.
दोनों मशीनों में खास अंतर क्या होता है
यह दोनों मशीनें देखने में भले एक जैसी लगती हों, लेकिन इन दोनों के बीच बड़ा अंतर है. MRI मशीन जहां रेडियो तरंगों के जरिए काम करती है, वहीं सिटी स्कैन मशीन एक्स-रे के जरिए काम करती है. पूरी दुनिया में अगर टेस्ट कराने वालों का आंकड़ा निकाला जाए तो आपको बता दें एमआईआई के मुकाबले सिटी स्कैन ज्यादा कराया जाता है. इसका एक कारण यह है की MRI जांच सिटी स्कैन के मुकाबले काफी ज्यादा महंगा है. हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए सिटी स्कैन हानिकारक होता है. इसलिए कई बार डॉक्टर सलाह देते हैं कि गर्भवती महिलाओं का सीटी स्कैन न कराया जाए.
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