Maharashtra: जन सुरक्षा विधेयक पर कांग्रेस में घमासान, विजय वडेट्टीवार बोले- 'नहीं मिला नोटिस, मैं विधानसभा...'
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र कांग्रेस ने विजय वडेट्टीवार को नोटिस भेजा है. उनसे पूछा गया है कि विधानसभा में जन सुरक्षा विधेयक का विरोध क्यों नहीं किया. इस पर उनकी प्रतिक्रिया आई है.

महाराष्ट्र में हाल ही में पारित जन सुरक्षा विधेयक को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार को नोटिस जारी किया है. वहीं इस मुद्दे पर विजय वडेट्टीवार का कहना है कि मुझे हाईकमान से कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. मैं उस दिन विधानसभा में मौजूद ही नहीं था.
वडेट्टीवार ने दी सफाई
इस बीच, विजय वडेट्टीवार का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, "मुझे हाईकमान से कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. जिस दिन यह विधेयक सदन में पेश किया गया था, उस दिन मेरा बांका में चुनाव कार्यक्रम था, इसलिए मैं विधानसभा में उपस्थित नहीं था." उन्होंने आगे कहा कि "हालांकि विपक्ष को उस दिन वॉकआउट करना चाहिए था. शहरी नक्सलियों के नाम पर विपक्ष को खत्म करना ही इस सरकार का मकसद है."
वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि उन्हें विधानसभा में क्या हुआ, इसकी जानकारी हर्षवर्धन सकपाल के एक नोट से मिली. उन्होंने कहा कि "मैं संयुक्त समिति में जरूर मौजूद था, लेकिन मुझे अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया. यदि मैं सदन में होता, तो मैं उस विधेयक को फाड़ देता."
विपक्ष की भूमिका पर उठे सवाल
बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व ने वडेट्टीवार से स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने बतौर विपक्ष के नेता इस विवादित विधेयक का विरोध क्यों नहीं किया, जबकि यह विधेयक विपक्ष, सामाजिक कार्यकर्ताओं और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चोट करता है. कांग्रेस का कहना है कि यह विधेयक एक ऐसा हथियार बन सकता है जिससे सत्ताधारी दल असहमति की आवाज को दबा सकता है.
कांग्रेस पार्टी के भीतर असंतोष
इस घटनाक्रम से महाराष्ट्र कांग्रेस के भीतर असंतोष और असहमति की स्थिति पैदा हो गई है. जानकारी के मुताबिक पार्टी के कई बड़े नेता इस बात से नाराज हैं कि विधानसभा में कांग्रेस ने न तो विधेयक का विरोध किया, न ही इसके खिलाफ कोई ठोस रणनीति अपनाई. कांग्रेस की राज्य इकाई को पार्टी के आलाकमान से फटकार भी लगी है कि पार्टी अपनी बुनियादी विचारधारा से हटकर क्यों चल रही है, खासकर जब बात नागरिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की आजादी की हो.

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Source: IOCL