अमेरिका का B2 बॉम्बर या रूस का 'व्हाइट स्वान', दोनों में हो जाए टक्कर तो कौन पड़ेगा भारी?
अमेरिका के B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर और रूस के Tu-160 'व्हाइट स्वान' दोनों अपने आप में बेहतरीन हथियार हैं. लेकिन अगर इन दोनों में टक्कर हो जाए तो कौन बाजी मारेगा? चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.

रूस और अमेरिका दुनिया की दो बड़ी ताकते हैं. रूस के पास दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलें और परमाणु हथियार हैं. वहीं अमेरिका के पास भी कई आधुनिक हथियार हैं. आज हम आपको बताते हैं दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स की अमेरिका के B-2 स्पिरिट और रूस के Tu-160 'व्हाइट स्वान' की. अगर इन दोनों में टक्कर हो जाए, तो कौन मारेगा बाजी? चलिए इनके डिजाइन, तकनीक और प्रदर्शन की तुलना करते हैं.
अमेरिका का B-2 स्पिरिट बॉम्बर
अमेरिका का B-2 स्पिरिट बॉम्बर कई मायनों में खास है. ये अपनी अदृश्यता के लिए मशहूर है. इसका फ्लाइंग-विंग डिजाइन इसे बेहतरीन बनाता है और इसे कोई रडार ट्रैक नहीं कर सकता. ऐसे में यह दुश्मन को चकमा देने और लक्ष्य को भेदने में अत्यधिक सक्षम होता है. बी-2 बॉम्बर की बिना रुके उड़ान रेंज करीब 11 हजार किमी है. लेकिन अगर इसे हवा में ही ईंधर दिया जाए तो ये 19 हजार किमी तक उड़ सकता है. इसमें परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जाए जा सकते हैं. B-2 18,000 किलोग्राम तक हथियार ले जा सकता है, जिसमें 16 परमाणु बम या 80 JDAM सटीक बम शामिल हैं. इसका उपयोग इराक, अफगानिस्तान और हाल ही में यमन में देखा गया है, जहां इसने बंकर-बस्टर बमों से तबाही मचाई. इसका सबसे बड़ा हथियार है इसकी स्टील्थ तकनीक, जो इसे दुश्मन के हवाई रक्षा तंत्र से बचाती है.
रूस का Tu-160 ब्लैक जैक
रूस का Tu-160 ब्लैक जैक बमवर्षक विमान को व्हाइट स्वान यानि सफेद हंस के नाम से भी जाना जाता है. दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज सुपरसोनिक बॉम्बर है. यह विमान इतना शक्तिशाली है कि एक उड़ान में पूरी दुनिया का चक्कर लगा सकता है. ये इतना खतरनाक है कि इसकी उड़ान पर अमेरिका खासतौर पर सैटेलाइटों की मदद से नजर रखता है. चार टर्बोजेट इंजनों से लैस यह बॉम्बर 2220 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है, जो इसे B-2 से दोगुना तेज बनाता है. इसकी रेंज 12,300 किमी है और यह 52,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है. Tu-160 विमान 1 लाख 10 हजार किलोग्राम तक हथियार ले जा सकता है, जिसमें 12 Kh-101 क्रूज मिसाइलें या परमाणु हथियार शामिल हैं.
तुलना और टक्कर
B-2 की ताकत इसकी स्टील्थ क्षमता में है जो इसे रडार से बचाकर सटीक हमले करने में सक्षम बनाती है. वहीं, Tu-160 की गति और भारी हथियार क्षमता इसे लंबी दूरी तक तेजी से हमला करने में माहिर बनाती है. अगर सीधी टक्कर हो तो B-2 की अदृश्यता इसे शुरुआती बढ़त दे सकती है, क्योंकि Tu-160 का बड़ा आकार इसे रडार पर आसानी से पकड़ा जा सकता है. हालांकि, Tu-160 की सुपरसोनिक गति और लंबी दूरी की मिसाइलें, जैसे Kh-101, इसे जवाबी हमले में ताकतवर बनाती हैं. B-2 का पेलोड 18 टन है. B-2 की स्टील्थ तकनीक इसे गुप्त हमलों के लिए आदर्श बनाती है. यह दुश्मन के हवाई रक्षा तंत्र को भेदकर सटीक हमले कर सकता है. लेकिन Tu-160 की गति और लंबी दूरी की मिसाइलें इसे जवाबी हमले में ताकतवर बनाती हैं.
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Source: IOCL























