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पुतिन क्यों नहीं इस्तेमाल करते हैं स्मार्टफोन? सामने आई ऐसी चौंकाने वाली वजह कि आप भी रह जाएंगे दंग
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी भारत यात्रा को लेकर सुर्खियों में हैं लेकिन इसी के साथ उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा एक अनोखा तथ्य फिर चर्चा में आ गया है वे स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करते.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी भारत यात्रा को लेकर सुर्खियों में हैं लेकिन इसी के साथ उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा एक अनोखा तथ्य फिर चर्चा में आ गया है वे स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करते. डिजिटल युग में दुनिया के बड़े नेताओं के पास एक से ज्यादा फोन होना आम बात है, लेकिन पुतिन इसके बिल्कुल उलट हैं. जहां अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुले तौर पर अपना पर्सनल आईफोन इस्तेमाल करते थे, वहीं पुतिन पूरी तरह मोबाइल फ़ोन से दूरी बनाए रखते हैं.
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चार साल पहले वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के दौरान जब किसी ने कहा कि आज हर व्यक्ति की जेब में स्मार्टफोन होता है तो पुतिन ने तुरंत साफ किया कि उनके पास कोई स्मार्टफोन नहीं है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भी एक इंटरव्यू में यह बात दोहराई थी. उनका कहना था कि इतने उच्च पद पर बैठे व्यक्ति के लिए स्मार्टफोन रखना निजता और सुरक्षा, दोनों के लिए बड़ा जोखिम बन सकता है.
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पुतिन कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वे आधुनिक तकनीक के जानकार नहीं हैं. उन्होंने रूसी एजेंसी को यह भी बताया है कि क्रेमलिन परिसर में मोबाइल फोन ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है. किसी से संपर्क करने की जरूरत पड़ने पर वे केवल सरकारी लाइन का इस्तेमाल करते हैं. पुतिन का कहना है कि वे इंटरनेट का उपयोग भी बहुत कम करते हैं क्योंकि इसे वह पूरी तरह सुरक्षित नहीं मानते.
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एक कार्यक्रम में बच्चों से बातचीत के दौरान उन्होंने इंटरनेट को CIA का प्रोजेक्ट तक बताया था और कहा था कि आधी सामग्री गलत या अस्वास्थ्यकर होती है. यही वजह है कि वे मोबाइल, इंटरनेट और स्मार्ट डिवाइस से दूरी रखते हैं. उनके आसपास भी ऐसे उपकरण रखने की अनुमति नहीं होती.
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सवाल उठता है कि फोन न होने पर वे दुनिया की खबरों से कैसे अपडेट रहते होंगे. दरअसल, पुतिन को हर जरूरी जानकारी बेहद सुरक्षित चैनलों के जरिए दी जाती है खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टें, आधिकारिक दस्तावेज, टीवी ब्रीफिंग्स और नियमित सुरक्षा अपडेट उनकी पहुंच में रहते हैं.
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हालांकि, आलोचकों का कहना है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट से दूरी उन्हें सीमित जानकारी तक ही पहुंचने देती है और दुनिया के कई हालात का पूरा आकलन शायद उनके पास नहीं पहुंच पाता.
Published at : 05 Dec 2025 01:01 PM (IST)
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