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(Source: Poll of Polls)
राज्यसभा की सीट नंबर 222 से मिली 500 के नोटों की गड्डी! सिंघवी को है अलॉट; जानें नोट कांड की पूरी कहानी
सदन से नोटों की गड्डी मिलने के बाद से सदन में हंगामा हो गया. नेताओं के बीत आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. कांग्रेस ने कहा कि जांच के पहले सभापति को सदस्य का नाम नहीं बताना चाहिए था.
राज्यसभा में शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के 9वें दिन अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से 500 रुपये के नोट की गड्डी मिलने से बवाल मच गया है, जिसके बाद भाजपा ने खूब हंगामा किया और उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि आरोप साबित होने से पहले सांसद का नाम सार्वजनिक न किया जाए. आइये जानें इस नोट कांड के पीछे की पूरी कहानी.
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शुक्रवार (6 दिसंबर, 2024) को जब सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि कर्मचारी जब नियमित जांच कर रहे थे तब सीट नंबर 222 से 500 रुपये की नोटों की गड्डी मिली और ये सीट कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित की गई है.
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धनखड़ ने बताया कि नोटों की गड्डी मिलने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नोट असली थे या नकली. ये एक नियमित जांच है जो रोजाना की जाती है. वह बोले, “किसी ने अभी तक नोटों की गड्डी पर दावा नहीं किया है. क्या कोई ऐसे इस तरह नोटों की गड्डी भूल सकते हैं.”
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नोटों की गड्डी वाली बात के बाद से सदन में हंगामा हो गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि सभापति को जांच पूरी होने से पहले सदस्य का नाम नहीं बताना चाहिए था. इसके बाद जेपी नड्डा ने कहा कि कुछ मामलों में विरक्ष बहुत उत्सुक्ता दिखा रहा है, जबकि कुछ मामलों में पर्दा डालना चाहता है. इसपर खरगे ने भी कहा कि नड्डा जी ऐसा आप लोग करते हैं हम नहीं.
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नए संसद के अंदर में नोट की गड्डी मिलने की ये पहली घटना है. इसके पहले यूपीए सरकार के समय न्यूक्लियर डील पर CPM के समर्थन वापस लेने पर विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया के समय भाजपा सांसदो ने नोटों की गड्डियां लहराई थी.
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संसद सत्र के शुरू होने से पहले हर रोज एंटी सेबोटेज जांच होती है. ठीक इसी तरह कार्यवाही समाप्त होने के बाद भी जांच होती है. कई बार जांच के समय मोबाइल, डायरी और चश्में मिलते हैं, जो भूल से सांसद छोड़ देते हैं. उनको लॉस्ट एंड फाउंड में जमा करा दिया जाता है, लेकिन इस बाद नोटों की गड्डी मिली और रकम भी बड़ी थी. 50 हजार रुपये. इसकी जानकारी तुरंत राज्यसभा सचिवालय को दी गई. इसके बाद सभापति ने सभी को सूचित किया.
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सिंघवी ने कहा कि वह सिर्फ 500 रुपये का नोट लेकर संसद जाते हैं. वह बोले कि उन्हें अजीब लगता है कि ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति की जाती है. इसकी जांच होनी चाहिए कि कैसे किसी की सीट पर कुछ भी रख सकते हैं. सदन में ग्लास से घिरा ऐसा लॉक सिस्टम होना चाहिए, जिसकी चाभी सिर्फ सदस्य के पास होनी चाहिए. अब सीटें भी खतरनाक हो गई है.
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सदन में नोटों की गड्डी मिलने से हाई लेवल जांच होगी. जांच समिति में सुरक्षा एजेंसियों, राज्य सभा सचिवालय के अधिकारी और कुछ वरिष्ठ सांसद भी हो सकते हैं. सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं, जिससे ये पता लगाया जाए कि ये नोट की गड्डी कैसे आई.
Published at : 06 Dec 2024 05:53 PM (IST)
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