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जल्दी दिमागी कमजोरी से बचना है? अपनाएं ब्रेन को फिट रखने वाले 5 जरूरी नियम
एक्सपर्ट्स के अनुसार दिमाग को फिट रखने के लिए सबसे पहले डिसिप्लिन स्लीप रूटीन जरूरी है. रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद लेने के साथ-साथ एक समान सोने और जागने का समय बनाए रखना बहुत जरूरी है.
दिमाग को फिट और एक्टिव रखना उतना ही जरूरी होता है जितना फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखना. उम्र बढ़ने के साथ कई लोगों में भूलने की समस्या फोकस कम होना या शुरुआती दिमागी कमजोरी देखने को मिलती है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर हम सही आदतें समय रहते अपनाएं तो दिमागी कमजोरी और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है. हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार दिमाग में न्यूरोप्लास्टिसिटी यानी यह लगातार खुद को नए अनुभवों और आदतों के आधार पर बदलता है और मजबूत करता है . इसी वजह से रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतें भी ब्रेन हेल्थ पर बड़ा प्रभाव डालती है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि अगर आपको भी जल्दी दिमागी कमजोरी से बचना है तो अपने दिमाग को फिट रखने के लिए कौन से पांच जरूरी नियम अपनाने चाहिए.
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एक्सपर्ट्स के अनुसार दिमाग को फिट रखने के लिए सबसे पहले डिसिप्लिन स्लीप रूटीन जरूरी होता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद लेने के साथ-साथ एक समान सोने और जागने का समय बनाए रखना बहुत जरूरी है. लगातार बदलती नींद का शेड्यूल दिमाग की कार्यक्षमता को धीमा कर देता है.
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वहीं न्यूरोसर्जन बताते हैं की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शरीर के कई प्रक्रियाओं जैसे ब्लड फ्लो, स्टैमिना और फोकस को बेहतर बनाती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार हफ्ते में दो से तीन दिन हल्की-फुल्की रेजिस्टेंस ट्रेनिंग दिमागी क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
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एक्सपर्ट्स के अनुसार दिमाग और शरीर लगातार एक दूसरे से संवाद करते रहते हैं और मेडिसिन या योग इस कनेक्शन को मजबूत करते हैं. यह न सिर्फ तनाव कम करते हैं बल्कि नर्वस सिस्टम को भी शांत करते और ब्रेन को रिलैक्स करते हैं . ऐसे में आप दिमाग को कमजोरी से बचने के लिए रोजाना मेडिटेशन और योग कर सकते हैं.
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एक्सपर्ट यह भी चेतावनी देते हैं कि लगातार थकान, तनाव और खुद को बर्नआउट करने से ब्रेन हेल्थ को नुकसान पहुंचता है. दरअसल एक्सपर्ट के अनुसार बर्नआउट मेंटल, फिजिकल और इमोशनल थकान की कंडीशन है जो दिमाग की क्लियरिटी और सोचने की क्षमता कमजोर कर देती है. इसलिए बर्नआउट साइकिल को तोड़ना जरूरी होता है.
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एक्सपर्ट्स यह भी बताते हैं कि लगातार भागदौड़ वाली जिंदगी, बिना आराम के काम और ओवरएक्सर्शन को हसल कल्चर मान लेना दिमाग को भारी नुकसान पहुंचाता है. उनके अनुसार असली समझदारी स्मार्ट वर्क और खुद को रिचार्ज करने का समय देना है, ताकि ब्रेन बेहतर तरीके से काम कर सके.
Published at : 21 Nov 2025 10:22 AM (IST)
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