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इंसान खुद को क्यों नहीं कर पाता है गुदगुदी, क्या आपने ये कभी सोचा है?
Tickling Facts: क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम दूसरे हमें गुदगुदी करते हैं तो हमें कितनी हंसी आती है, लेकिन वही गुदगुदी जब हम अपनेआप को करते हैं तो हमें बिल्कुल हंसी नहीं आती, लेकिन ऐसा क्यों होता है.
गुदगुदी करने से इतनी जोर-जोर से हंसी आती है कि हम थक जाते हैं, लेकिन ये तब होता है जब आपको कोई ओर गुदगुदी कर रहा होता है.
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जब यही गुदगुदी आप अपनेआप को करते हैं तो आपको बिल्कुल गुदगुदी का एहसास नहीं होता. लेकिन ऐसा होता क्यों है? चलिए इसकी वजह जानते हैं.
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गुदगुदी का एहसास करने के लिए हमारे दिमाग के दो हिस्से जिम्मेदार होते हैं, पहला है सोमेटोसेंसरी कॉर्टेक्स. ये हिस्सा स्पर्श यानी टच को समझता है.
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वहीं दूसरा होता है एंटीरियर सिंगुलेट कॉर्टेक्स. ये खुशी या किसी दिलचस्प एहसास को समझने का काम करता है.
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ऐसे में जब हम खुद को गुदगुदी करते हैं, तो दिमाग के सेरिबेलम हिस्से को पहले से ही इसका अंदाजा हो जाता है, जो कॉर्टेक्स को इस बारे में सूचित कर देता है. ऐसे में गुदगुदी के लिए तैयार कॉर्टेक्स पहले से अवेयर हो जाते हैं जिस वजह से हमें गुदगुदी नहीं होती है.
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पूरी गुदगुदी की प्रक्रिया सरप्राइज पर डिपेंड करती है. जब भी कोई हमें अचानक से गुदगुदी करता है, तो हमारा दिमाग उसके लिए तैयार नहीं होता है और इस वजह से हमें बहुत ज्यादा हंसी आती है.
Published at : 08 Aug 2024 04:41 PM (IST)
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