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सेना में क्यों शामिल नहीं हो सकते सफेद दाग से पीड़ित लोग, आखिर सर्विस पर क्या पड़ता है असर?
देश के लाखों युवा भारतीय सेना में भर्ती होना चाहते हैं. भारतीय सेना में भर्ती के लिए कई नियम बने हुए हैं, जिसको पार करने के बाद भर्ती प्रकिया पूरी होती है. उसमें से एक फिजिकल के समय सफेद दाग भी है.
भारतीय सेना में सफेद दाग से ग्रसित लोगों की भर्ती नहीं होती है. आज हम आपको इससे जुड़े नियम बताएंगे.
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सफेद दाग यानी विटिलिगो को लेकर देशभर में अभियान चल रहा है. हालांकि कई लोगों को भ्रम रहता है कि सफेद दाग फैलता है, लेकिन ये सच नहीं है.
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डॉक्टरों ने बताया है कि सफेद दाग बीमारी छूने अथवा संपर्क में आने से नहीं फैलती है. लेकिन सेना में नियमों के मुताबिक सफेद दाग पीड़ितों को भर्ती नहीं की जाती है.
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बता दें कि विटिलिगो एक प्रकार का त्वचा विकार है, जिसे सामान्यत: ल्यूकोडर्मा के नाम से जाना जाता है. इसमें रीर की स्वस्थ कोशिकाएं प्रभावित होती हैं.
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वहीं कुछ रोगियों में त्वचा के अंदर हुआ घाव स्थिर रहता है, बहुत ही धीरे-धीरे बढ़ता है. जबकि कुछ मामलों में यह रोग बहुत ही तेजी से बढ़ता है और कुछ ही महीनों में पूरे शरीर को ढक लेता है.
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image 5बता दें कि भारतीय सैन्य सेवाओं में सफेद दाग से ग्रसित लोगों को मौका नहीं मिल पाता है. छूने से यह नहीं फैलता है. लेकिन सेना में सुरक्षा कारणों से सफेद दाग से ग्रसित लोगों की भर्ती नहीं हो पाती है.
Published at : 29 Dec 2024 07:43 PM (IST)
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