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भूकंप आए या तूफान... कोई भी नहीं कर पाएगा चिनाब ब्रिज का बाल भी बांका, जानें इसकी खासियत
Chenab Bridge Specialty: चिनाब नदी पर पुल बहुत से मायनों में खास है. यह पुल एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और इसको बहुत मजबूती के साथ बनाया गया है, जो कि इसे खास बनाता है.
पीएम मोदी कल यानि 6 जून को जम्मू कश्मीर की चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे पुल चिनाब रेल ब्रिज को देश को समर्पित करने वाले हैं. यह पुल न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरे देश के लिए खास है. इसके जरिए व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. चिनाब रेल ब्रिज को इंजीनियरिंग का आधुनिक चमत्कार भी कहा जा सकता है. जम्मू कश्मीर में बना यह दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है. चलिए इसकी खासियत जान लेते हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस पुल का उद्घाटन करने वाले हैं वह एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है. यह पुल सिर्फ यही नहीं बल्कि कई मायनों में खास है.
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इस पुल की लाइफ 120 साल के भी ज्यादा है. पुल की टेस्टिंग फेज्ड एरे अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग द्वारा की गई है. यह बड़े से बड़े तूफान को झेलने में भी सक्षम है.
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रिपोर्ट्स की मानें तो रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता का भूकंप भी यह पुल सहन कर सकता है. दुनिया के सबसे ऊंचे इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर और लंबाई 1315 मीटर है.
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चिनाब ब्रिज को रियासी जिले के बक्कल और कौड़ी के बीच में बनाया गया है. इस पुल के आर्क की लंबाई 467 मीटर है. इसे बनाने में इंजीनियरों को बहुत मेहनत करनी पड़ी है.
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चिनाब पुल स्टील और कंक्रीट से बना आर्क पुल है. इसको बुलेट प्रूफ बनाया गया है जो कि 40 टन टीएनटी के बराबर विस्फोट सहन कर सकता है.
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इस पुल के निर्माण में 29,880 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है. डीआरडीओ ने इसकी डिजाइन में मदद की है. इसे बनाने के लिए करीब 1486 करोड़ रुपये का खर्च आया है.
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यह 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को सहन करता है और इसे स्टेनलेस स्टील से तैयार किया गया है. इस स्टील को तैयार करने में फॉस्फोरस, निकल, सल्फर, सिलिकॉन, मैंगनीज, कार्बन, निकल, मोलिब्डेनम और टाइटेनियम का इस्तेमाल होता है.
Published at : 05 Jun 2025 05:38 PM (IST)
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