धरती पर लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को इन कामों में आती हैं मुश्किलें, जानिए शरीर में क्या होते हैं बदलाव
अंतरिक्ष से एस्ट्रोनॉट्स के वापस धरती पर आने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि एस्ट्रोनॉट्स के शरीर में इस दौरान क्या बदलाव देखने को मिलता है.

अंतरिक्ष रहस्यों से भरी दुनिया है, ये बात तो हम सभी लोग जानते हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि स्पेस में लंबे समय तक रहने के बाद एस्ट्रोनॉट्स जब वापस धरती पर लौटते हैं, तो उन्हें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आज हम आपको बताएंगे कि स्पेस से धरती पर आने के बाद अंतरिक्षयात्रियों के शरीर में किन चीजों में बदलाव आता है.
स्पेस से धरती तक का सफर
दुनियाभर के अलग-अलग देशों की स्पेस एजेंसियां अपने अंतरिक्षयात्रियों को रिसर्च के लिए स्पेस भेजती है. इसी क्रम में बीते जून में नासा ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को 8 दिनों के मिशन के लिए स्पेश में भेजा था, लेकिन विमान में तकनीकी खराबी आने के कारण ये दोनों यात्री 200 से अधिक दिनों से स्पेस में फंसे हुए हैं.
हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक अब उनकी 12 मार्च के बाद धरती पर लाने का प्लान बना है. आज हम आपको बताएंगे कि स्पेस से इतने महीने रहने के बाद धरती पर आने पर एस्ट्रोनॉट्स को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उनके शरीर में क्या बदलाव होते हैं.
शरीर में क्या होते हैं बदलाव?
अंतरिक्षयात्रियों के धरती पर रहने और स्पेस में जाने के बाद शरीर में होने वाले बदलाव को लेकर रिसर्च लगातार जारी है. साइंस अलर्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 6 महीने के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले 15 अंतरिक्ष यात्रियों पर रिसर्च की गई है. इस दौरान स्पेस की यात्रा में जाने से पहले और वापसी के बाद इनके दिमाग का एमआरआई स्कैन किया गया था.
रिसर्च में हुए बड़े खुलासे
बता दें कि अंतरिक्ष से वापसी के बाद एस्ट्रोनॉट्स के दिमाग में कई बदलाव होते हैं. दरअसल एमआरआई स्कैन में खुलासा हुआ है कि इनके दिमाग के खास हिस्से पेरिवैस्कुलर स्पेस पर इसका बुरा असर पड़ा है. दरअसल इस दौरान इसका आकार घट गया है. वहीं पहली बार यात्रा करने वाले एस्ट्रोनॉट में यह अंतर साफतौर पर देखा गया है. हालांकि कई बार अंतरिक्ष यात्रा पर जा चुके यात्रियों में यह अंतर कम दिखा है. इसके अलावा स्पेस से वापसी के बाद यात्रियों के शरीर में कमजोरी और थकान भी दिखता है. डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक एस्ट्रोनॉट के जमीन पर आने के बाद शरीर में 54 फीसदी तक लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है, जिसके कारण साफ तौर पर एनीमिया का असर दिखता है.
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