क्या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के घर नहीं जा सकते हैं प्रधानमंत्री? जानें इसे लेकर क्या है नियम
PM Modi Attends Ganesh Puja At CJI Residence: क्या भारत के प्रधानमंत्री भारत के मुख्य न्यायाधीश के घर नहीं जे सकते? क्या इसे लेकर कोई नियम बनाया गया है? चलिए आपको इस बारे में बताते हैं.

PM Modi Attends Ganesh Puja At CJI Residence: भारत में इन दिनों गणेश चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही है. आपको अलग-अलग जगह पर बहुत से गणेश पंडाल नजर आ जाते होंगे, कई लोग दूर-दूर से इन गणेश पंडालों में पूजा करने आते हैं. बहुत से लोग अपने दोस्तों और जान पहचान के लोगों के घर पूजा करने चले जाते हैं. जिनमें आम आदमी से लेकर बॉलीवुड के सेलिब्रिटी तक शामिल है. इसी बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश के चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने चले गए.
प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर काफी वायरल हुई जहां वह सीजेआई और उनकी पत्नी के साथ गणेश जी की पूजा करते हुए नजर आए. एक तरफ वह लोग हैं जो पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ वह लोग हैं. जो पीएम मोदी की आलोचना कर रहे हैं. और इस बात को लेकर सवाल कर रहे हैं. क्या भारत के प्रधानमंत्री भारत के मुख्य न्यायाधीश के घर जा नहीं जा सकते. क्या इसे लेकर कोई नियम है? चलिए आपको इस बारे में बताते हैं.
सीजेएआर ने इस बात को कहा गलत
भारत में जजों की जवाब देही तय करने के लिए जजों का एक ग्रुप है. जिसे कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म यानी सीजेएआर कहा जाता है. इस ग्रुप ने प्रधानमंत्री मोदी के सीजी चंद्रचूड़ के घर जाने को एक गलत मिसाल के तौर पर बताया है. सीजेएआर ने कहा है पीएम मोदी का सीजी चंद्रचूड़ के घर जाना सत्ता और न्यायपालिका के सेपरेशन और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है.
इसे लेकर कुछ पुराने हवाले भी दिए गए जिनमें कहा गया कि 2019 में तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए आर्टिकल 50 की अनदेखी की. संविधान के इसी आर्टिकल 50 के तहत पीएम मोदी की भी सीजेआई के घर जाने को लेकर आलोचना की जा रही है.
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क्या कहता है आर्टिकल 50?
भारतीय संविधान का आर्टिकल 50 शक्तियों का विभाजन करता है. आर्टिकल 50 के तहत स्टेट यानी राष्ट्र अपने यहां की सार्वजनिक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग रखेगा और उसके लिए जरूरी कदम उठाएगा. इस आर्टिकल के जरिए सार्वजनिक सेवाओं के कामों में न्यायपालिका यानी कोर्ट और कार्यपालिका यानी सरकार के बीच एक दूरी बनाए रखने को महत्व दिया जाता है. सीधे शब्दों में कहें तो न्यायपालिका और कार्यपालिका एक दूसरे के साथ मिलें ना. जिससे दोनों अपने-अपने काम अपने तरीके से और निष्पक्ष होकर करें.
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क्या प्रधानमंत्री नहीं जा सकते मुख्य न्यायाधीश के घर?
पीएम मोदी के सीजेआई चंद्रचूड़ के घर जाने को लेकर जो लोग आलोचना कर रहे हैं. वह आर्टिकल 50 का हवाला दे रहे हैं. लेकिन आर्टिकल 50 में इस बात को लेकर कहीं जिक्र नहीं है कि भारत का प्रधानमंत्री भारत के मुख्य न्यायाधीश के घर नहीं जा सकता. प्रधानमंत्री और देश के मुख्य न्यायाधीश दोनों की ही कुछ जिम्मेदारियां होती हैं. जो साझा होती हैं.
जैसे मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति, सीबीआई प्रमुख और देश के कई शीर्ष पदों पर नियुक्ति प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और नेता प्रतिपक्ष मिलकर करते हैं. ऐसे में इन कामों के लिए प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश की मुलाकात होनी स्वाभाविक है.
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