यूपीएससी जिओ- साइंटिस्ट एग्जाम की प्री परीक्षा आने वाली है, इन बातों का रखें खास ध्यान
यूपीएससी के जिओ- साइंटिस्ट का प्री- एग्जाम आने ही वाला है. आखिरी समय में कैसे करें तैयारी इसकी जानकारी लें और न भूलें कि गलत जवाब पर नेगेटिव मार्किंग से बात बिगड़ सकती है

नई दिल्ली: यूपीएससी का कंबाइंड जिओ- साइंटिस्ट पेपर देने वालों के लिये परीक्षा की घड़ी काफी नज़दीक आ गयी है. कुछ ही दिनों में प्रिलिमिनेरी एग्जाम है. यह तो हम सभी जानते हैं कि यूपीएससी ने कंबाइंड जिओ- साइंटिस्ट रिक्रूटमेंट टेस्ट का एग्जाम पैटर्न बदल दिया है. इस पेपर में दो नये नियम जोड़ दिये गये हैं. पहला तो यह कि मेन्स का पेपर देने के पहले सभी कैंडिडेट्स को जीएस का पेपर देना होगा. यह प्रीलिमिनेरी टेस्ट होगा. यानी प्रथम चरण की परीक्षा. इसे पास करने वाले को ही अगले चरण की परीक्षा यानी मेन्स देने की अनुमति मिलेगी. इसके साथ ही दूसरा और कड़ा नियम यह है कि जीएस के इस एग्जाम में गलत जवाब पर अंक कटेंगे. यानी नेगेटिव मार्किंग होगी. इन कंडीशंस को देखते हुए यही सलाह दी जाती है कि गेस वर्क से बचें. जो प्रश्न आते हैं, केवल उन्हीं के जवाब दें. हर एक गलत जवाब पर एक तिहाई अंक काट लिये जाएंगे. और अगर आपको जवाब नहीं आता या आप किसी जवाब को लेकर असमंजस में हैं तो बेहतर होगा कि उसे ऐसे ही छोड़ दें. क्योंकि उत्तर का एरिया खाली छोड़ने पर कोई अंक नहीं कटेगा. केवल गलत जवाब पर कटेगा. यह टेस्ट मल्टीप्लचॉइस क्वेश्चन्स का होगा. एक प्रश्न के चार विकल्प होंगे, एक सही होगा, जिसे आपको चुनना है. यह टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड होगा. चाहें तो यूपीएससी की वेबसाइट पर जाकर इसकी बानगी देख सकते हैं, ताकि कोई कंफ्यूजन न रह जाए.
क्या था पुराना पैटर्न –
साल 2019 तक उम्मीदवारों को केवल दो चरण की परीक्षा से गुजरना पड़ता था. एक लिखित परीक्षा और दूसरा पर्सनैलिटी टेस्ट औऱ इंटरव्यू. इसके बाद चयन फाइनल हो जाता था. लेकिन 2020 के नये नियमों के अनुसार अब कैंडिडेट्स को प्री परीक्षा देनी होगी. यह परीक्षा सभी स्ट्रीम्स के उम्मीदवारों के लिये एक कॉमन परीक्षा होगी. दूसरी मेन्स की परीक्षा उम्मीदवार द्वारा चुने गये विषय के अनुसार विषय केंद्रित होगी. इस वर्ष यह प्री परीक्षा 19 जनवरी 2020 को आयोजित की जाएगी. इसमें चयनित उम्मीदवार मुख्य परीक्षा 27-28 जून 2020 के दिन देंगे. यानी फिलहाल उम्मीदवारों को केवल प्री परीक्षा पर फोकस करना है. आपकी जानकारी के लिये बता दें कि इस परीक्षा के माध्यम से जियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया और सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड में उम्मीदवारों का चुनाव जियोलॉजिस्ट, जिओफिजिसिस्ट, केमिस्ट और जूनियर हायड्रोलॉजिस्ट्स के पदों पर होता है.
कुछ टिप्स –
- इस समय ज्यादा के फेर में न पड़ें, जो तैयार है केवल उसे ही और मजबूत बनाने में समय लगाएं.
- लगातार समाचार पत्र देखते रहें और पिछले साल में जो भी बड़ी घटनाएं हुईं हैं, उन पर निगाह रखें.
- जो छोटे नोट्स आपने बनाये हों, केवल उन्हीं को रिवीज़न के लिये उठाएं.
- अगर पढ़ाई के लिये इंटरनेट की जरूरत पड़ती है जैसा कि देश-दुनिया की खबर के लिये आवश्यक होगा तो कंप्यूटर या लैपटाप का इस्तेमाल करें. सेल फोन आपका ध्यान भंग करेगा.
- दूसरे बड़े और ऑल इंडिया लेवल पर होने वाले एग्जाम्स का जीएस का पेपर देखें और समझें कि किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं.
- मॉक टेस्ट दें, इससे आपका अभ्यास होगा.
- एग्जाम सेंटर आदि के बारे में पहले से पता कर लें और समय से पहले वहां पहुंचें.
- परीक्षा को लेकर ज्यादा चर्चा किसी से न करें. गलत जानकारियां जल्दी फैलती हैं. केवल अपने शिक्षक से सहायता लें.
- बचे हुए दिनों को टाइम-टेबल के हिसाब से तैयारी के लिये बांट लें इससे समय का सदुपयोग होगा.
- एग्जाम के दिन ले जाने वाली सारी सामग्री एक जगह, एक साथ रख लें, ताकि आखिर में फालतू के स्ट्रेस से बच सकें.
- तनाव न लें और स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाने पर ध्यान दें.
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