MP Board Result 2025: कड़ी मेहनत, खुद पर भरोसे से प्रज्ञा जायसवाल ने MP बोर्ड रिजल्ट में किया टॉप, IAS बनना सपना
MP Board 10th Result: सिंगरौली की प्रज्ञा जायसवाल ने बिना ट्यूशन MP बोर्ड 10वीं परीक्षा में 500 में से 500 अंक लाकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया. बिना ट्यूशन यह सफलता पाकर अब IAS बनना चाहती हैं.

MP Board Result 10th: जहां चाह है, वहां राह है"- इस कहावत को सिंगरौली जिले की बेटी प्रज्ञा जायसवाल (Pragya Jaiswal) ने अपने संघर्ष, मेहनत और लगन से सच कर दिखाया है. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) की 10वीं की परीक्षा में प्रज्ञा ने 500 में से 500 अंक हासिल कर पूरे प्रदेश में टॉप किया है. उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और गांव के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे राज्य के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में MP Board कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित किए. इस वर्ष लगभग 16 लाख विद्यार्थियों ने इन परीक्षाओं में भाग लिया था. 10वीं कक्षा का कुल परिणाम 76.22% और 12वीं का 74.28% रहा. ऐसे में 100% अंक लाकर टॉप करना एक अद्वितीय उपलब्धि है.
बिना किसी ट्यूशन के किया टॉप
प्रज्ञा एक सामान्य ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखती हैं. उनके माता-पिता दोनों ही सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं. उन्होंने निगरी गांव के एक निजी स्कूल से पढ़ाई की और बिना किसी ट्यूशन या अतिरिक्त कोचिंग के यह मुकाम हासिल किया है. उनकी इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, आत्मअनुशासन और खुद पर विश्वास की बड़ी भूमिका रही.
प्रज्ञा का कहना है कि उन्होंने नियमित रूप से स्कूल में पढ़ाई पर ध्यान दिया और पाठ्यपुस्तकों को ही आधार बनाकर तैयारी की. वे मानती हैं कि लक्ष्य स्पष्ट हो और मन में विश्वास हो तो कोई भी बाधा सफलता की राह नहीं रोक सकती.
IAS बनना चाहती हैं प्रज्ञा
अपनी इस सफलता के बाद प्रज्ञा ने अब एक बड़ा सपना देखा है — भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जाना. उनका कहना है, "मैं देश सेवा करना चाहती हूं, और इसके लिए मेरा लक्ष्य आईएएस बनना है. मैं इस दिशा में पूरी मेहनत और समर्पण के साथ आगे बढ़ूंगी."
एक सामान्य गांव से निकलकर राज्य स्तर पर टॉपर बनना और आईएएस बनने का सपना देखना, प्रज्ञा की सोच को दर्शाता है कि प्रतिभा और मेहनत किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती. उनकी यह यात्रा हर उस विद्यार्थी के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा सोचने और हासिल करने की हिम्मत रखता है.
देवेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट