UP News: RSS की तर्ज देश भर में शाखाएं लगाएगी आम आदमी पार्टी, यूनिफॉर्म पहनेंगे कार्यकर्ता, यूपी से होगी शुरुआत
RSS Latest News: आरएसएस की तर्ज देश भर में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी शाखाएं लगाएगी. इसके कार्यकर्ताओं के लिए एक यूनिफॉर्म भी होगा.

Prayagraj Latest News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तर्ज पर देश भर में शाखाएं संचालित करेगी. सीएम केजरीवाल की इस शाखा का नाम तिरंगा शाखा होगा. शाखाओं की शुरुआत जुलाई महीने में देश के सबसे बड़े राज्य यूपी से होगी. पहले छह महीने में यूपी में रोज़ाना दस हज़ार शाखाओं का संचालन होगा. संघ की तर्ज पर ही आप की शाखाओं में भी ड्रेस कोड होगा. हालांकि ड्रेस कोड अभी तय नहीं किया गया है. आप की इन शाखाओं में देश का राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा.
इसके साथ ही संविधान रचयिता भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर के साथ ही आज़ादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वाले तमाम क्रांतिकारियों की तस्वीर भी रखी जाएगी.
आप की शाखाओं की क्या भूमिका होगी?
इसका मकसद लोगों को जाति -धर्म, क्षेत्र व भाषा से अलग हटकर सिर्फ भारतवासी बनकर देश की सेवा करने का संकल्प दिलाना और इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा. पार्टी के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद डॉ संजय सिंह के मुताबिक़ इन शाखाओं की शुरुआत एक जुलाई को लखनऊ में की जाएगी. इसके ज़रिये लोगों को आरएसएस की शाखाओं का सच भी बताया जाएगा.
सात मई को उत्तर प्रदेश में आप करेगी प्रदर्शन
संजय सिंह ने बताया कि चंदौली और ललितपुर की घटनाओं ने यूपी की क़ानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दोनों मामलों में पुलिस पर ही आरोप हैं. इन दोनों घटनाओं के विरोध में आम आदमी पार्टी सात मई को समूचे उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन करेगी. पार्टी का यह प्रदर्शन सभी जिला मुख्यालयों के साथ ही तहसीलों व दूसरी जगहों पर भी होगा. प्रदर्शन के ज़रिये दोनों घटनाओं की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराए जाने की मांग की जाएगी.
संजय सिंह ने प्रयागराज में प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि यूपी समेत देश के दूसरे हिस्सों में बिजली का संकट जानबूझकर पैदा किया गया है. हकीकत में न तो कोयले की कमी है और न ही बिजली की. अडाणी और दूसरे उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर इसकी कमी दिखाई जा रही है, ताकि कोयला और बिजली चुनिंदा उद्योगपतियों से मुंहमांगी कीमतों पर खरीदकर उन्हें फायदा पहुंचाया जा सके.
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