पीएम मोदी ने जहां किया फ्लैट का उद्घाटन, वहां कितनी महंगी है जमीन; क्या आम आदमी भी खरीद सकता है यहां बंगला?
पीएम मोदी ने दिल्ली में सांसदों के लिए एक नए बहुमंजिला फ्लैट्स की सौगात दी है. यह फ्लैट दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग पर बने हैं. आइये जानते हैं कि इन एरिया में प्रॉपर्टी के दाम क्या हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए 184 नए बहुमंजिला फ्लैट्स की सौगात दी है. ये आधुनिक फ्लैट्स ग्रीन टेक्नोलॉजी और हाईटेक निर्माण तकनीक से बनाए गए हैं, जो सांसदों की आवासीय जरूरतों को पूरा करेंगे. लेकिन सवाल उठता है कि जिस इलाके में ये फ्लैट्स बने हैं, वहां की जमीन कितनी महंगी है? क्या आम आदमी इन एरिया में बंगला या फ्लैट खरीदने का सपना देख सकता है? चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.
दिल्ली के पॉश इलाके में शामिल है ये एरिया
बाबा खड़क सिंह मार्ग नई दिल्ली का एक पॉश इलाका है जो कनॉट प्लेस के करीब और संसद भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित है. कनॉट प्लेस जिसे दिल्ली का दिल कहा जाता है यहां या इसके आसपास तो किराए से ही प्रॉपर्टी लेना आसान काम नहीं है क्योंकि इसके लिए काफी रकम चुकानी पड़ती है. यह क्षेत्र अपनी उम्दा लोकेशन, बढ़िया कनेक्टिविटी और प्रीमियम सुविधाओं के लिए जाना जाता है. रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, इस इलाके में जमीन की कीमतें देश की सबसे महंगी श्रेणी में आती हैं. जिसके चलते यहां किराया बहुत महंगा है.
जानें कितनी महंगी है प्रॉपर्टी
हाल के आंकड़ों के मुताबिक, कनॉट प्लेस से लगा होने के कारण बाबा खड़क सिंह मार्ग और आसपास के क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमतें प्रति वर्ग फुट 50,000 से 1,00,000 रुपये तक हो सकती हैं. एक साधारण बंगले के लिए जो कम से कम 2000-3000 वर्ग फुट में बनता है, लागत 10 करोड़ रुपये से शुरू होकर उससे अधिक तक जा सकती है. यह कीमतें स्थान, सुविधाओं और प्रॉपर्टी के प्रकार पर निर्भर करती है.
क्या आम इंसान खरीद सकता है प्रॉपर्टी
सांसदों के लिए बने फ्लैट्स को आम जनता के लिए बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया है. लेकिन अगर इस क्षेत्र में आम आदमी के लिए बंगला खरीदने की संभावना देखें तो दिल्ली के इस हिस्से में प्रॉपर्टी की कीमतें इतनी अधिक हैं कि मध्यम वर्ग या सामान्य आय वाले परिवारों के लिए यहां बंगला खरीदना लगभग असंभव है. एक औसत मध्यम वर्गीय परिवार की आय और बचत को देखते हुए इतनी बड़ी राशि जुटाना मुश्किल का काम है.
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