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मनोज जरंगे पाटिलः कभी होटल में करना पड़ा था काम, फिर कांग्रेस से जुड़ा नाम और आगे यूं मिली महाराष्ट्र में बड़ी पहचान
Manoj Jarange: मनोज जरांगे ने 3 मार्च तक मराठा आंदोलन को रोक दिया है. पाटिल ने 2014 से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करने को लेकर भूख हड़ताल और मार्च किए हैं.
मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ओबीसी कोटा से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की वकालत कर रहे हैं. वह मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड जिले के रहने वाले हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आजीविका के लिए एक होटल में काम करने के लिए वह जालना के अंबाद में रहने लगे थे.
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मनोज जारांगे पाटिल की हालिया भूख हड़ताल ने महाराष्ट्र में उथल-पुथल मचा दी थी, जिससे राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी.
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मनोज जारांगे लगभग 15 साल पहले सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के आंदोलन में शामिल हुए थे. उन्होंने कई मार्चों और विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया है. अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी चार एकड़ जमीन में से 2.5 एकड़ कृषि भूमि भी बेच दी थी.
Published at : 28 Feb 2024 09:39 PM (IST)
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