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पैदा होने के बाद बच्चा रोता ही क्यों हैं, हंसता क्यों नहीं?
Baby First Cry: किसी बच्चे के जन्म के बाद उसका पहला रोना दर्द नहीं, जिंदगी की पहली जीत मानी जाती है. आइए जानें कि बच्चा पैदा होने के बाद सिर्फ रोता ही क्यों है.
डिलीवरी रूम में जैसे ही बच्चे की पहली आवाज गूंजती है, अक्सर वह रोने की होती है, हंसी की नहीं. यही आवाज माता-पिता के लिए राहत भी होती है और जिज्ञासा भी. आखिर जीवन की शुरुआत रोने से ही क्यों होती है? क्या यह तकलीफ का संकेत है या सेहत की पहली मुहर? डॉक्टर और विज्ञान इस रोने को बच्चे का पहला संवाद मानते हैं, जो उसकी सांस, शरीर और दिमाग के सही ढंग से काम करने की खबर देता है. आइए जानें कि पैदा होने के बाद बच्चा रोता ही क्यों है.
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बच्चा जब मां के गर्भ से बाहर आता है, तो वह एकदम नई दुनिया में कदम रखता है. गर्भ के भीतर जहां तापमान स्थिर, रोशनी हल्की और आवाजें मंद होती हैं, वहीं बाहर की दुनिया ठंडी, तेज रोशनी वाली और शोर से भरी होती है.
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इस अचानक बदलाव पर बच्चे का शरीर तुरंत प्रतिक्रिया देता है. यही प्रतिक्रिया रोने के रूप में सामने आती है, जो यह बताती है कि बच्चा जीवित है और उसका शरीर नए माहौल के साथ तालमेल बैठा रहा है.
Published at : 16 Dec 2025 11:55 AM (IST)
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