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Flight: गर्मी के कारण प्लेन टेक ऑफ में लग रहा है समय, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण

दिल्ली समेत दुनियाभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. दिल्ली के मुंगेशपुर में तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है. वहीं गर्मी के कारण फ्लाइट के टेकऑफ में भी देरी हो रही है. जानिए इसके पीछे क्या कारण है.

दिल्ली समेत दुनियाभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. दिल्ली के मुंगेशपुर में तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है. वहीं गर्मी के कारण फ्लाइट के टेकऑफ में भी देरी हो रही है. जानिए इसके पीछे क्या कारण है.

दुनियाभर में लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं. गर्मी का असर ट्रैफिक से लेकर फ्लाइट पर भी पड़ रहा है. गर्मी ज्यादा होने के कारण फ्लाइट टेक ऑफ में भी समय लग रहा है.

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बता दें कि बीते हफ्ते भोपाल से हैदराबाद जा रही इंडिगो फ्लाइट ने तय समय से एक घंटे देरी से टेक ऑफ किया था. जानकारी के मुताबिक ज्यादा गर्म तापमान होने की वजह से फ्लाइट टेक ऑफ करने में सक्षम नहीं था. सवाल है कि क्या प्लेन के उड़ने और गर्मी का एक दूसरे से क्या कनेक्शन है.
बता दें कि बीते हफ्ते भोपाल से हैदराबाद जा रही इंडिगो फ्लाइट ने तय समय से एक घंटे देरी से टेक ऑफ किया था. जानकारी के मुताबिक ज्यादा गर्म तापमान होने की वजह से फ्लाइट टेक ऑफ करने में सक्षम नहीं था. सवाल है कि क्या प्लेन के उड़ने और गर्मी का एक दूसरे से क्या कनेक्शन है.
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प्लेन टेक ऑफ के समय पायलट को मौसम का ध्यान रखना होता है. इसमें तापमान, दबाव, बारिश, हवा का रूख और बहुत कुछ शामिल होता है. हालांकि जब कुछ भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो फ्लाइट टेकऑफ में देरी हो सकती है.
प्लेन टेक ऑफ के समय पायलट को मौसम का ध्यान रखना होता है. इसमें तापमान, दबाव, बारिश, हवा का रूख और बहुत कुछ शामिल होता है. हालांकि जब कुछ भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो फ्लाइट टेकऑफ में देरी हो सकती है.
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वहीं टेक ऑफ के समय पायलट के सामने चुनौती होती है.दरअसल ग्रैवेटी के बल को तोड़ते हुए फ्लाइट को हवा में लेकर जाना होता है. फ्लाइट में जितना ज्यादा वजन होता है, उतने ही ज्यादा बल से ग्रैवेटी उसे नीचे खींचती है. ऐसे में विमान को ऊपर की ओर धकेलने के लिए हवा की मदद ली जाती है. लेकिन गर्म हवा में यह मदद नहीं मिल पाती है.
वहीं टेक ऑफ के समय पायलट के सामने चुनौती होती है.दरअसल ग्रैवेटी के बल को तोड़ते हुए फ्लाइट को हवा में लेकर जाना होता है. फ्लाइट में जितना ज्यादा वजन होता है, उतने ही ज्यादा बल से ग्रैवेटी उसे नीचे खींचती है. ऐसे में विमान को ऊपर की ओर धकेलने के लिए हवा की मदद ली जाती है. लेकिन गर्म हवा में यह मदद नहीं मिल पाती है.
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जानकारी के मुताबिक हवा जितनी ज्यादा गर्म होती है, उतनी ही ज्यादा वो फैलती है. हवा के फैलने से विमान को ऊपर धकेलने के लिए उपलब्ध मॉलिक्यूल की संख्या कम हो जाती है. इसका असर इंजन के थ्रस्ट पर पड़ता है. कम थ्रस्ट होने से प्लेन को चढ़ाई के लिए लंबे रनवे की जरूरत पड़ती है.
जानकारी के मुताबिक हवा जितनी ज्यादा गर्म होती है, उतनी ही ज्यादा वो फैलती है. हवा के फैलने से विमान को ऊपर धकेलने के लिए उपलब्ध मॉलिक्यूल की संख्या कम हो जाती है. इसका असर इंजन के थ्रस्ट पर पड़ता है. कम थ्रस्ट होने से प्लेन को चढ़ाई के लिए लंबे रनवे की जरूरत पड़ती है.
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सीएनएन की रिपोर्ट में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल विलियम्स के हवाले से कहा गया है कि हर 3 डिग्री सेल्सियस (5.4 डिग्री फारेनहाइट) तापमान वृद्धि के साथ विमानों को 1% कम लिफ्ट मिलती है. इससे निपटने के लिए एयरप्लेन को टेक ऑफ के दौरान अपनी रफ्तार बढ़ानी होगी.
सीएनएन की रिपोर्ट में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल विलियम्स के हवाले से कहा गया है कि हर 3 डिग्री सेल्सियस (5.4 डिग्री फारेनहाइट) तापमान वृद्धि के साथ विमानों को 1% कम लिफ्ट मिलती है. इससे निपटने के लिए एयरप्लेन को टेक ऑफ के दौरान अपनी रफ्तार बढ़ानी होगी.
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इस दौरान फ्लाइट का उड़ाने के लिए लंबे रनवे की जरूरत होगी. यदि किसी विमान को 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में टेक ऑफ के लिए 6,500 फीट रनवे की जरूरत होती है, तो उसी विमान को 40 डिग्री सेल्सियस पर उड़ान भरने के लिए 8,200 फीट लंबे रनवे की जरूरत पड़ेगी.
इस दौरान फ्लाइट का उड़ाने के लिए लंबे रनवे की जरूरत होगी. यदि किसी विमान को 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में टेक ऑफ के लिए 6,500 फीट रनवे की जरूरत होती है, तो उसी विमान को 40 डिग्री सेल्सियस पर उड़ान भरने के लिए 8,200 फीट लंबे रनवे की जरूरत पड़ेगी.
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जानकारी के मुताबिक भीषण गर्मी में फ्लाइट को छोटे रनवे से ही टेक ऑफ़ करना है, तो इसे संभव बनाने के लिए विमान का वजन कम करना पड़ेगा. इसमें एयरलाइंस आमतौर पर सामान या यात्रियों को हटाकर वजन कम करती हैं. इस कारण यात्रियों को परेशानी और एयरलाइन को नुकसान झेलना पड़ता है. हालांकि ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं, जिसमें एयरलाइन ने किसी यात्री को इसलिए उतार दिया था क्योंकि तापमान बहुत ज्यादा हो गया है.
जानकारी के मुताबिक भीषण गर्मी में फ्लाइट को छोटे रनवे से ही टेक ऑफ़ करना है, तो इसे संभव बनाने के लिए विमान का वजन कम करना पड़ेगा. इसमें एयरलाइंस आमतौर पर सामान या यात्रियों को हटाकर वजन कम करती हैं. इस कारण यात्रियों को परेशानी और एयरलाइन को नुकसान झेलना पड़ता है. हालांकि ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं, जिसमें एयरलाइन ने किसी यात्री को इसलिए उतार दिया था क्योंकि तापमान बहुत ज्यादा हो गया है.

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