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नदी में डूबने से कैसे बचाती है लाइफ जेकैट?
अक्सर आपको समुद्र, नदी या तालाब में जाने सेे पहले लाइफ जैकेट पहनने की सलाह दी जाती है. कई जगहों पर बिना लाइफ जैकेट के जाना भी मना होता है.
लाइफ जैकेेट पहनने के लिए नाव में जा रहे हर व्यक्ति को कहा जाता है पर क्यों
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हाल ही में गुजरात के वडोदरा की हरणी झील में 16 छात्रों और 2 शिक्षकों की नौका पलटने से से मौत हो गई. इनमें से अधिकतर छात्रों ने लाइफ जैैकेट नहीं पहनी थी.
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तो चलिए आज जानते हैं कि लाइफ जैकेट इतनी जरूरी क्यों है और कैसे काम करती है और कैसे इसे पहनने पर लोग डूबने से कितने घंटे तक बच सकते हैं.
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दरअसल जैकेट के डूबने पर हवा को फंसा लेती है. फंसी हुई हवा का वजन उसके द्वारा हटाए गए पानी के वजन से बहुत कम होता है, इसलिए पानी लाइफ जैकेट को नीचे धकेलने की बजाय ज्यादा तेजी से ऊपर की ओर धकेलता है, जिससे लाइफ जैकेट उछालभरी बनी रहती है और तैरती रहती है. यह उछाल इतना मजबूत है कि बिना डूबे अतिरिक्त वजन झेल सकता है.
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इन लाइफ जैकेट का इस्तेमाल आज से नहीं बल्कि 1700 के दशक में नॉर्वेजियन नाविक आपातकाल की स्थिति में तैरते रहने के लिए अपने लकड़ी के जहाजों के हिस्सों या कॉर्क के टुकड़े का इस्तेमाल करते थे.
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इसीलिए लाइफ जैकेट पहनने की सलाह उन्हें भी दी जाती है जिन्हें तैरना आता है. कभी-कभी उन लोगों की जिंदगी बचाने में भी लाइफ जैकेट काम आती है.
Published at : 20 Jan 2024 09:34 AM (IST)
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