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Eyes Scanning:आंखों को स्कैन करने से पता चलेगा किस इंसान की उम्र ढल रही है तेज, वैज्ञानिकों ने किया शोध
वैज्ञानिक इंसानों को लेकर कोई ना कोई नई खोज करते रहते हैं. अभी हालिया रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इंसानों की ढलती उम्र के बारे में आंखों से पता चल सकता है. जानिए ये कैसे संभव है?

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो इंसान की ढलती उम्र के बारे में बताएंगा. इस उपकरण का इस्तेमाल यूके में बुजुर्गों के ऊपर किया जा चुका है.
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वैज्ञानिकों के मुताबिक इंसानों की सही जैविक उम्र का सटीक अंदाजा लगाने के लिए उनकी आंखों की गहराइयों में झांकने का बहुत फायदा मिल सकता है. यहां तक कि इससे मरीजों की सेहत का भविष्य तक पता चल सकता है.
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बता दें कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो इंसान की आंखों को स्कैन करने के बता सकते हैं किस इंसान की उम्र तेजी से ढल रही है. इसके अलावा कौन इंसान जल्दी मरने के जोखिम का सामना कर रहा है.
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जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिकों ने मशन लर्निंग का ऐसा मॉडल तैयार किया है. जिसे किसी व्यक्ति के जीवन के कुल सालों का अनुमान लगाना सिखाया गया है. इसके लिए उसे केवल आंखों के पिछले हिस्से के खास ऊतक को देखना होगा, जिसे रेटीना कहते हैं.
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आम तौर पर बढ़ती उम्र का असर तो सभी पर होता है. लेकिन ये जरूरी नहीं है कि दो लोगों की उम्र एक होगी तो इसका मतलब यह है कि वे एक गति से बूढ़े हो रहे हैं. यह एल्गॉरिदम इतना सटीक है कि इसने 3.5 साल के अंदर यूके के करीब 47000 अधेड़ और बुजुर्गों की उम्र का अनुमान लगाया है. इनमें जिनकी रेटीना ज्यादा उम्र की लग रही थी, एक दशक बाद इनमें से 1871 लोग मर गए थे.
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ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑफ्थेल्मोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के नतीजे पूरी तरह से अवलोकन पर आधारित हैं. जिसका मतलब है कि वैज्ञानिक अब तक नहीं जानते हैं कि इन सब के पीछे के जैविक कारण क्या हैं? फिर भी नतीजे इस बात का मजूबती से समर्थन करते हैं कि रेटीना एजिंग यानी उम्र बढ़ने से होने वाले नुकसान के लिए ज्यादा ही संवेदनशील होता है.
Published at : 31 Mar 2024 03:26 PM (IST)

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