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India Nuclear Test: भारत के पहले सफल परमाणु बम परीक्षण का कोड नेम क्या था, जानें क्यों रखा गया था यह नाम

India Nuclear Test: अमेरिका के राष्ट्रपति ने पेंटागन को अपना परमाणु परीक्षण शुरू करने के आदेश दे दिए हैं. आइए जानते हैं कि भारत के पहले सफल परमाणु बम परीक्षण का कोड नेम क्या था.

India Nuclear Test: अमेरिका के राष्ट्रपति ने पेंटागन को अपना परमाणु परीक्षण शुरू करने के आदेश दे दिए हैं. आइए जानते हैं कि भारत के पहले सफल परमाणु बम परीक्षण का कोड नेम क्या था.

India Nuclear Test: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर भूमिगत परमाणु परीक्षण करने के इल्जाम लगाए हैं और साथ ही जवाब में पेंटागन को अपना परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की आदेश भी दे दिए हैं. इसी बीच आइए जानते हैं कि भारत के पहले सफल परमाणु बम परीक्षण का कोड नेम क्या था और साथ ही यह भी की क्यों रखा गया था यह नाम.

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18 में 1974 को राजस्थान के पोखरण परीक्षण रेंज में भारत ने अपना परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया. इस परीक्षण का कोड नेम स्माइलिंग बुद्धा रखा गया था.
18 में 1974 को राजस्थान के पोखरण परीक्षण रेंज में भारत ने अपना परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया. इस परीक्षण का कोड नेम स्माइलिंग बुद्धा रखा गया था.
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परीक्षण के बाद विदेश मंत्रालय ने इसे एक शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट बताया. इसके बाद भारत को शांति और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में अपनी छवि बनाए रखने में काफी मदद मिली.
परीक्षण के बाद विदेश मंत्रालय ने इसे एक शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट बताया. इसके बाद भारत को शांति और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में अपनी छवि बनाए रखने में काफी मदद मिली.
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पोखरण में परीक्षण किया गया उपकरण एक विस्फोट प्रकार का फीजन बम था. इसकी अवधारणा 1945 में नागासाकी पर गिराए गए फैट मैन बम के समान थी. हालांकि भारत ने स्वदेशी डिजाइन बनाया था, जिसे डॉक्टर राजा रमन्ना के नेतृत्व में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया था. ऐसा अनुमान है कि विस्फोट की क्षमता 8 से 12 किलोटन टीएनटी के बीच थी.
पोखरण में परीक्षण किया गया उपकरण एक विस्फोट प्रकार का फीजन बम था. इसकी अवधारणा 1945 में नागासाकी पर गिराए गए फैट मैन बम के समान थी. हालांकि भारत ने स्वदेशी डिजाइन बनाया था, जिसे डॉक्टर राजा रमन्ना के नेतृत्व में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया था. ऐसा अनुमान है कि विस्फोट की क्षमता 8 से 12 किलोटन टीएनटी के बीच थी.
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यह सफल परीक्षण के बाद भारत परमाणु विस्फोट करने वाला दुनिया का छठा राष्ट्रीय बन गया था. भारत के रक्षा और वैज्ञानिक समुदाय के लिए यह एक बड़ी छलांग थी,‌ जिसने वैश्विक भू राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया.
यह सफल परीक्षण के बाद भारत परमाणु विस्फोट करने वाला दुनिया का छठा राष्ट्रीय बन गया था. भारत के रक्षा और वैज्ञानिक समुदाय के लिए यह एक बड़ी छलांग थी,‌ जिसने वैश्विक भू राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया.
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दरअसल इस परीक्षण का नाम स्माइलिंग बुद्धा इसलिए रखा गया था क्योंकि यह परीक्षण बुद्ध पूर्णिमा के दिन हुआ था. यह दिन गौतम बुद्ध के जन्म और ज्ञान प्राप्ति का उत्सव है. इस परीक्षण का नाम बुद्ध के नाम पर रखकर भारत ने सूक्ष्म रूप से यह संदेश दिया था कि उसका परमाणु कार्यक्रम आक्रामकता पर नहीं बल्कि शांतिपूर्ण इरादे से प्रेरित है.
दरअसल इस परीक्षण का नाम स्माइलिंग बुद्धा इसलिए रखा गया था क्योंकि यह परीक्षण बुद्ध पूर्णिमा के दिन हुआ था. यह दिन गौतम बुद्ध के जन्म और ज्ञान प्राप्ति का उत्सव है. इस परीक्षण का नाम बुद्ध के नाम पर रखकर भारत ने सूक्ष्म रूप से यह संदेश दिया था कि उसका परमाणु कार्यक्रम आक्रामकता पर नहीं बल्कि शांतिपूर्ण इरादे से प्रेरित है.
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ऐसा कहा जाता है कि सफल परीक्षण के बाद परियोजना निदेशक डॉ राजा रमन्ना ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक सरल कोड संदेश भेजा था. जिसमें लिखा था बुद्ध मुस्कुराए हैं.
ऐसा कहा जाता है कि सफल परीक्षण के बाद परियोजना निदेशक डॉ राजा रमन्ना ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक सरल कोड संदेश भेजा था. जिसमें लिखा था बुद्ध मुस्कुराए हैं.

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