अब नाम-पता लिखने का झंझट खत्म, 10 अंकों के डिजिपिन से होगी घर तक डिलीवरी, ऐसे करें जनरेट
Digipin: 10 अंकों वाला डिजिपिन आपकी सटीक लोकेशन का यूनिक कोड होता है. इसे इस्तेमाल करते ही डाक या कूरियर सीधे सही जगह पहुंचता है. बिना पूरा पता लिखे भी डिलीवरी हो जाती है.

Digipin: अब डाक या कूरियर भेजते समय लंबा पता लिखने की टेंशन खत्म मानें. भारतीय डाक ने 10 अंकों वाला डिजिपिन सिस्टम शुरू कर दिया है. जिससे डिलीवरी पहले से कहीं ज्यादा आसान और सटीक हो जाती है. डिजिपिन बनाते ही आपको नाम या पूरा पता लिखने की जरूरत नहीं रहती. सिर्फ यह कोड डालते ही डाक सीधे आपकी सही लोकेशन तक पहुंच जाती है.
यह तकनीक आपकी लोकेशन को छोटे माइक्रो ग्रिड में बदलकर एक यूनिक कोड तैयार करती है. जो लगभग लाइव पोजीशन की तरह काम करता है. गलत पते बार-बार लौटने वाले कूरियर या मिस डिलीवरी जैसी दिक्कतें इस सिस्टम से काफी कम हो जाएंगी. चलिए आपको बताते हैं कैसे आप जनरेट कर सकते हैं अपना डिजीपिन.
डिजिपिन क्या है?
डिजिपिन एक 10 अंकों का स्मार्ट लोकेशन कोड है जो आपके घर या ऑफिस को 4 मीटर × 4 मीटर के माइक्रो ग्रिड में बदलकर उसकी खास पहचान बनाता है. यह सामान्य पते से कहीं ज्यादा सटीक काम करता है. क्योंकि इसमें गलियों, मोड़ों या किसी लैंडमार्क पर भरोसा नहीं करना पड़ता. सिस्टम आपके अक्षांश और देशांतर को पढ़कर वही जगह चिन्हित करता है जहां आप मौजूद हैं.
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यही वजह है कि डाक, कूरियर या एंबुलेंस जैसी सेवाएं बिना भटके सीधे आपके लोकेशन तक पहुंच पाती हैं. जिन इलाकों में घरों के नंबर नहीं हैं या पता ढूंढने में हमेशा दिक्कत होती है. वहां यह कोड बड़ा उपयोगी साबित होता है. इसमें कोई निजी जानकारी शामिल नहीं होती. सिर्फ लोकेशन होती है. इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित और प्राइवेसी-फ्रेंडली है.
डिजिपिन कैसे जनरेट करें?
डिजिपिन बनाना बिल्कुल आसान है. इसके लिए आप सबसे पहले डाक विभाग की साइट पर जाएं. अपनी लोकेशन सिलेक्ट करें और सिस्टम उसी जगह के आधार पर 10 अंकों का यूनिक कोड तैयार कर देगा. इसे आप सेव कर सकते हैं. क्यूआर की तरह शेयर कर सकते हैं और डाक या कूरियर भेजते समय इस्तेमाल भी कर सकते हैं. खास बात यह है कि कोड एक बार बन जाए तो बिना इंटरनेट के भी काम आता है.
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डाक विभाग अपने डाकियों के लिए एक अलग ऐप ला रहा है. जहां वह सिर्फ डिजिपिन स्कैन करेंगे और सीधे उसी लोकेशन तक पहुंच जाएंगे. गलत पता गली में भटकने या कई बार लौटकर आने जैसी दिक्कतें काफी हद तक खत्म हो जाएंगी. इससे डिलीवरी तेज होगी और मिसिंग या रिटर्न होने वाली डाक में भी बड़ी कमी आएगी.
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