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'उम्मीद है, किसी सांसद की आवाज को दबाया नहीं जाएगा', जानें ओम बिरला को बधाई देते हुए और क्या बोले अखिलेश यादव
18th Lok Sabha: अखिलेश यादव ने अध्यक्ष चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा कि निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है. लोकसभा स्पीकर के रूप में आप सबको बराबर मौका देंगे.
अखिलेश यादव नए स्पीकर ओम बिरला पर कसा तंज (फाइल फोटो)
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बीजेपी के सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया. इस दौरान सदन में अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में कुछ ऐसा कह दिया कि हाउस में माहौल थोड़ा हल्का हो गया. हालांकि, उन्होंने मुस्कुराहट के साथ बहुत ही गहरी बात बोल दी. अखिलेश यादव ने कहा कि हम सबकी आप सबसे अपेक्षा है कि किसी भी जन प्रतिनिधि की आवाज को दबाया नहीं जाएगा और न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई दुबारा न हों.
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अखिलेश यादव ने बिरला को बधाई देते हुए कहा वह स्पीकर दोबारा चुने जाने पर बधाई देते हैं. जिस पद पर आप बैठे हैं, उससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं. मुझे उम्मीद है कि यह बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा. आप हर सांसद और हर दल को बराबरी का मौका देंगे.
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कन्नौज से लोकसभा सांसद और सपा सुप्रीमों ने अखिलेश यादव ने आज सदन में हंसते हुए अंदाज में कहा कि स्पीकर महोदय आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, लेकिन सत्ता पक्ष पर भी उतना ही अंकुश होना चाहिए.
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने आगे कहा कि सदन आपके इशारों पर चलना चाहिए न कि इसका उलटा न हो. हम आपके सभी उचित फैसलों के साथ खड़े हैं. मुझे आशा है कि आप विपक्ष का भी उतना ही सम्मान करेंगे, जितना आप सत्ता का सम्मान करते हैं और उन्हें अपना पक्ष रखने देंगे.
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अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा कि मैं ये नए सदन में पहली बार आया हूं. मुझे लगा कि हमारे स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची होगी. क्योंकि मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं, अध्यक्ष जी उसकी कुर्सी बहुत ऊंची है. अखिलेश ने हंसते हुए अंदाज में कहा कि मैं सदन में किसको कहूं कि ये कुर्सी और ऊंची हो जाए.
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स्पीकर के निर्वाचन के बाद अखिलेश ने उनसे अपील की है कि उनका अंकुश सिर्फ विपक्ष नहीं सत्ता पक्ष पर भी हो. संसद के पुराने अनुभवों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि सदस्यों के निष्कासन से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे.
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दरअसल अखिलेश यादव ने ये बात 17वीं लोकसभा से जोड़ते हुए कही. क्योंकि, तब 100 से ज्यादा सांसदों को लोकसभा से और दोनों सदनों से कुल मिलाकर 206 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था. विपक्षी नेताओं ने अक्सर ये शिकायत भी की कि संसद टीवी ज्यादातर सत्ता पक्ष पर फोकस करता है और विपक्ष के महत्वपूर्ण हस्तक्षेप के दौरान माइक बंद कर दिए जाते हैं.
Published at : 26 Jun 2024 07:40 PM (IST)
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