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BBC Documentary Row: JNU में बैन डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर अड़े लेफ्ट संगठन, रोकने पर बवाल-पत्थर भी चले, जानें 10 बड़ी बातें

जेएनयू में बीती रात बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर जबरदस्त बवाल हुआ. भारत में यह डॉक्यूमेंट्री बैन है, विदेश मंत्रालय ने इसे औपनिवेशिक मानसिकता से संचालित पक्षपातपूर्ण डॉक्यूमेंट्री बताया.

JNU BBC Documentary Row: जेएनयू एक बार फिर से सुर्खियों में है. बीती रात जेएनयू के छात्र संगठनों के बीच जमकर बवाल हुआ और पथराव की भी खबरे आईं. प्रधानमंत्री मोदी को टारगेट में रखकर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को लेकर JNU में लेफ्ट संगठन अड़े हुए थे. इसी मामले को लेकर कल देर रात कैंपस में पूरा विवाद हो गया. 

दरअसल बीबीसी ने पीएम मोदी को टारगेट में रखते हुए एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी. इस डॉक्यूमेंट्री को सरकार ने भारत में प्रदर्शन करने से रोक लगा दी. मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे औपनिवेशिक मानसिकता से संचालित और पक्षपातपूर्ण डॉक्यूमेंट्री बताया.

1. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि  हम यही कहेंगे कि यह भारत के खिलाफ एक खास किस्म का दुष्प्रचार का नैरेटिव चलाने की कोशिश है. यह डॉक्यूमेंट्री दिकाती है कि इससे जुड़े हुए लोग और संगठन एक खास किस्म की सोच रखते हैं क्योंकि इसमें तथ्य और विषय को लेकर तटस्थता नहीं है. यह एक औपनिवेशिक मानसिकता से संचालित है.

2. इसी के बाद विपक्षी पार्टियां बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गईं. कांग्रेस ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को 'सेंसर' करने के लिए शनिवार (21 जनवरी) को सरकार की आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को 'राज धर्म' याद रखना चाहिए. 

3. इसके बाद सोमवार (24 जनवरी) को JNU वामदलों के छात्र संगठन ने मोर्चा संभाल लिया. कैंपस में इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को लेकर सोमवार को पैंपलेट बांटे गए. JNUSU छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने भी विवादित डॉक्‍यूमेंट्री का पोस्‍टर शेयर करते हुए लिखा कि यह डॉक्यूमेंट्री 24 जनवरी को रात 9 बजे दिखाई जाएगी. 

4. आइशी घोष के इस पोस्टर को शेयर करने के बाद हरकत में जेएनयू प्रशासन ने एडवाइजरी जारी करते हुए ऐसे किसी भी कार्यक्रम को किए जाने पर रोक लगा दी. 

5. जेएनयू प्रशासन ने एडवाइजरी में कहा कि इस तरह के किसी भी अनऑथराइज प्रोग्राम से यूनिवर्सिटी कैंपस की शांति भंग हो सकती है. छात्र-छात्राओं को सलाह है कि इस तरह के विवादित कार्यक्रम न करें. और, जो भी जो छात्र-छात्राएं ऐसा शेड्यूल बना चुके हैं, वे भी इसे रद्द कर दें. ऐसा न करने पर उन छात्र-छात्राओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई की जाएगी.

6. बावजूद इसके लेफ्ट छात्र संगठन कैंपस में छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष के नेतृत्व में इकट्ठा हुए और उन्होंने डाक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग करने की घोषणा की. इस बात पर प्रशासन ने कथित तौर पर उस जगह पर बिजली काट दी.

7. बिजली काटने पर लेफ्ट छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री का लिंक साझा कर दिया, और वहीं खड़े होकर मोबाइल से उस डॉक्यूमेंट्री को वहीं पर देखने की बात, इस दौरान आइशी घोष ने मीडिया से बात की. 

8. इसी विवाद के दौरान लेफ्ट संगठनों ने आरोप लगाया कि वहां पर विपक्षी छात्र संगठन ABVP ने उनके ऊपर पत्थरबाजी कर दी है. हालांकि जेएनयू एबीवीपी के अध्यक्ष रोहित ने कहा कि उनके संगठन का इस झड़प से कोई कनेक्शन नहीं है. कैंपस का माहौल सही रहे और हालात न बिगड़े, यह देखना प्रशासन का काम है.

9. मीडिया से बात करते हुए आइशी घोष ने कहा कि हम लोग स्क्रीनिंग करेंगे. हम इस बैन को नहीं मानते हैं, उन्होंने दावा किया कि ये फिल्म सच्चाई दिखाती है और बीजेपी को डर है कि सच बाहर आ जायेगा. 

10. इस पूरे विवाद के बाद लेफ्ट छात्र संगठनों ने कैंपस से लेकर बसंत विहार थाने तक पैदल मार्च निकाला और प्रदर्शन किया. हालांकि इस पूरे विवाद में अभी तक यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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