नॉर्थ-ईस्ट से लेकर साउथ तक, जानें हर जगह अलग-अलग क्यों होती हैं इंसानों की शक्ल
आपने हमारे देश के कई हिस्से घूमे होंगे, लेकिन हर जगह आपको लोगों के चेहरे अलग-अलग नजर आए होंगे, ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर नॉर्थ से लेकर साउथ तक लोगों के चेहरे अलग-अलग क्यों होते हैं.
भारत, दुनिया के सबसे विविध देशों में से एक है. यहां हर कोने पर आपको अलग-अलग संस्कृति, भाषा और खान-पान देखने को मिलेगा. इसी तरह, देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों की शारीरिक बनावट में भी काफी अंतर देखने को मिलता है. नॉर्थ-ईस्ट के लोगों की शक्ल दक्षिण भारत के लोगों से काफी अलग होती है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण हैं.
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हर जगह चेहरे में अंतर के पीछे होते हैं आनुवंशिक कारण?
दरअसल भारत में मानव सभ्यता का इतिहास काफी पुराना है. विभिन्न समय पर अलग-अलग प्रजातियां यहां आईं और बस गईं. इन सभी प्रजातियों के मिश्रण से भारत की आबादी की आनुवंशिक विविधता पैदा हुई. इसके अलावा भारत का भौगोलिक ढांचा काफी विविध है. पहाड़, मैदान, रेगिस्तान और समुद्र तट जैसे भौगोलिक अवरोधों ने विभिन्न समूहों को एक-दूसरे से अलग रखा, जिसके परिणामस्वरूप अलग-अलग आनुवंशिक लक्षण विकसित हुए.
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पर्यावरण का भी है प्रभाव
मौसम और पर्यावरण का भी लोगों पर प्रभाव पड़ता है. बता दें विभिन्न क्षेत्रों की जलवायु अलग-अलग होती है. गर्म और शुष्क जलवायु में रहने वाले लोगों की त्वचा का रंग गहरा होता है, जबकि ठंडे और नम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की त्वचा का रंग गोरा होता है. इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों का खान-पान भी अलग-अलग होता है. खान-पान का सीधा प्रभाव शरीर के विकास पर पड़ता है. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में फैलने वाले रोग भी लोगों की शारीरिक बनावट को प्रभावित करते हैं.
सामाजिक संस्कृति में भी होता है बदलाव
गौरतलब है कि विवाह के माध्यम से भी आनुवंशिक लक्षणों का आदान-प्रदान होता है. विभिन्न समूहों के बीच विवाह के कारण आनुवंशिक विविधता में वृद्धि होती है. साथ ही विभिन्न संस्कृतियों में शारीरिक सौंदर्य के अलग-अलग मानक होते हैं. इन मानकों का भी लोगों की शारीरिक बनावट पर प्रभाव पड़ता है.
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