Car Recall: इसलिए रिकॉल करतीं हैं कंपनी अपने वाहन, जानें क्या होता है रिकॉल का मतलब
Vehicle Recall: वाहनों को लॉन्चिंग से पहले अच्छी तरह से टेस्ट किया जाता है. फिर भी अगर वाहन के किसी पार्ट में कोई खामी आती है तो कंपनी की तरफ से रिकॉल के दौरान उसे ठीक किया जाता है.

Car Recalling Reason: कार कंपनियों का अपने ब्रांड की कारों को रिकॉल करना एक सामान्य बात है. ऐसा तब होता है जब कंपनी की बनायी हुई कारों या अन्य किसी वाहन में बड़े पैमाने पर एक ही चीज को लेकर शिकायत मिलनी शुरू हो जाती है. तब कंपनी ऐसी कारों को रिकॉल कर, उनमें जरूरी बदलाव करती है. हम आपको आगे बताने जा रहे हैं रिकॉल की पूरी प्रक्रिया के बारे में, इसे कैसे पूरा किया जाता है.
कार रिकॉल
जब किसी एक ही कंपनी के एक ही मॉडल की कई कारों एक जैसी या एक विशेष पार्ट को लेकर लगातार शिकायत आने लगती हैं. जिससे किसी भी तरह के नुकसान की आशंका हो सकती है. ऐसी स्थिति में कार निर्माता कंपनी एक निश्चित समय की कारों को रिकॉल करने का कदम उठाती है. हालांकि कोई भी कंपनी अपनी कार को लॉन्च करने से पहले उस कार कई तरीके से टेस्ट करती है.
दी जाती है रिकाल की जानकारी
जब किसी कार निर्माता कंपनी को अपने किसी वाहन में कमी का पता चलता है, तो वाहन को रिकॉल कर कंपनी की ओर से वाहन मालिक को वाहन की उस कमी के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है. साथ ही कब से कब तक की बनी हुई कारों को रिकॉल किया जा रहा है. इस जानकारी को देने के लिए न्यूज, सोशल मीडिया और प्रेस रिलीज का सहारा लिया जाता है. साथ ही डीलरशिप के जरिये और कभी-कभी ग्राहकों को सीधे भी जानकारी दी जाती है.
नहीं देना होता कोई चार्ज
रिकॉल की जानकारी मिलने के बाद जब वाहन को अपने नजदीकी सर्विस सेंटर पर ले जाया जाता है. तब सर्विस सेंटर या कंपनी की तरफ से आपसे कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता. रिकॉल के दौरान वाहन में जो भी काम होता है या किसी पार्ट को बदलना होता है वो कंपनी की तरफ से फ्री होता है. वाहनों को लॉन्चिंग से पहले अच्छी तरह से टेस्ट किया जाता है. फिर भी अगर वाहन के किसी पार्ट में कोई खामी आती है तो कंपनी की तरफ से उसे ठीक किया जाता है.