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वास्तु शास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है. जिसमें घर, मकान, ऑफिस, मंदिर, भवन, दुकान आदि के निर्माण संबंधी चीजों का अध्ययन किया जाता है. वास्तु शास्त्र के अंर्तगत चार मूल दिशाओं का भी ध्यान किया जाता है. वास्तु शास्त्र हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है. घर की सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति की सफलता और असफलता में अहम भूमिका निभाती है
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रवि बिजारनियाडिप्टी डायरेक्टर, DIPR
Opinion
सूर्योदय
07:09:52
सूर्यास्त
17:29:03
तिथि : द्वितीया अगला तृतीया - 10:54:18 तक
नक्षत्र : उत्तराषाढ़ा - 29:33:19 तक
योग :घ्रुव - 16:40:29 तक
करण : कौलव - 10:54:18 तक, तैतिल - 23:37:28 तक
पक्ष : शुक्ल
वार : सोमवार
अमान्त महीना : पौष
पूर्णिमान्त महीना : पौष
चन्द्र राशि : धनु - 10:07:51 तक
शक सम्वत : 1947 विश्वावसु
विक्रम सम्वत : 2082
अभिजीत : 11:58:50 से 12:40:06 तक
राहुकाल : 08:27:16 से 09:44:40 तक



















