Grahan 2023 date: नए साल में कब और कितने ग्रहण होंगे? कहां दिखाई देंगे? इन ग्रहणों के बारे में जानें सब कुछ
Grahan 2023 Dates: दो दिन बाद साल 2023 शुरू होने वाला है. एस्ट्रोलॉजर रुचि शर्मा के अनुसार इस साल कुल 4 ग्रहण लगेंगे. जिसमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होगा. आइये जानें इनके बारे में विस्तार से

Surya Grahan 2023, Chandra Grahan 2023: साल 2023 की शुरुआत रविवार से होगी. इस लिए इस साल में सूर्य का प्रभाव पूरी दुनिया में अधिक दिखाई देगा. इस साल 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं. खगोलीय और धार्मिक दोनों दृष्टियों से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना होती है. ऐसे में आइये जानें नए साल यानी 2023 में कुल कितने ग्रहण होंगें और ये ग्रहण कहां-कहां दिखाई देंगे? भारत में इनका सूतक काल कब से शुरू होगा?
साल 2023 के सूर्य ग्रहण
साल 2023 में पहला ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण होगा. पंचांग के अनुसार यह सूर्य ग्रहण सुबह 7.04 बजे से दोपहर 12.29 मिनट तक लगेगा. साल 2023 का दूसरा और साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को होगा.
सूर्य ग्रहण 2023: क्या भारत में दिखाई देगा?
पंचांग के अनुसार साल 2023 में लगने वाले दोनों सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे. इस लिए इन दोनों सूर्य ग्रहण का सूतक कल भारत में मान्य नहीं होगा. 14 अक्टूबर 2023 को लगने वाला सूर्य ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिका और आर्कटिका में दिखाई देगा.
साल 2023 के चंद्र ग्रहण: Chandra Grahan 2023 Date
साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को रात में 01.06 बजे से 02.22 बजे तक लगेगा. ये दोनों चंद्र ग्रहण ही भारत में भी दिखाई देंगे.
चंद्र ग्रहण 2023: क्या भारत में दिखाई देगा?
साल 2023 का दोनों चंद्र ग्रहण भारत में नजर आयेगा. पहला चंद्र ग्रहण एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व यूरोप, हिंद और प्रशांत महासागर और अटलांटिक व अंटार्कटिका में भी दिखाई देगा.
ग्रहण का सूतक काल: हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक, 2023 में लगने वाला दोनों सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इस लिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. वहीँ 2023 का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा. इस लिए दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा.
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