उम्रकैद और आजीवन कारावास में क्या होता है अंतर? जान लीजिए जवाब
RG Kar Case Convicted Life Imprisonment: आरजी मेडिकल काॅलेज रेप-मर्डर केस में कोलकाता कोर्ट ने संजय राय को उम्र कैद की सजा सुनाई है. चलिए बताते हैं उम्र कैद और आजीवन कारावास में क्या होता है अंतर.

RG Kar Case Convicted Life Imprisonment: पिछले साल अगस्त के महीने में देशभर को झकझोक देने वाली वारदात हुई थी. कोलकाता के आरजी कर मेडीकल कॉलेज में 31 साल की डॉक्टर की रेप करके हत्या कर दी गई थी. इस जघन्य अपराध में पुलिस ने संजय राॅय नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया था.
इसके बाद में इस मामले की सीबीआई जांच की गई और सीबीआई ने संजय राॅय पर आरोप साबित कर दिए और अब इस केस पर फैसला आ गया है. कोलकाता कोर्ट ने संजय राॅय को उम्र कैद की सजा सुनाई है. चलिए आपको बताते हैं उम्र कैद और आजीवन कारावास में क्या होता है अंतर. कितनी होती है दोनों में सजा.
उम्रकैद और आजीवन कारावास में होता है अंतर?
कोलकाता के आरजी कर मेडीकल काॅलेज रेप-मर्डर केस में आरोपी संजय राॅय को कोलकाता कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई. कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि उम्रकैद और आजीवन कारावास में क्या अंतर होता है. अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो आपको बता दें दोनों ही सजाओ में कोई अंतर नहीं होता. उम्रकैद और आजीवन कारावास दोनों का ही अंग्रेजी में मतलब लाइफ इंप्रिजनमेंट होता है यानी की जिंदगी भर जेल में रहना. भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 103 (1) के तहत अगर कोई अपराधी किसी की हत्या करता है. तो फिर उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है.
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कितने साल रहना होता है जेल में?
कई लोगों के मन में यह भ्रांतियां होती हैं कि उम्र कैद में 14 साल से लेकर 20 साल तक की सजा होती है. इसके बाद अपराधी को रिहा कर दिया जाता है. लेकिन आपको बता दें ऐसा कुछ नहीं होता है. भारतीय कानून के मुताबिक उम्र कैद का मतलब आजीवन कारावास यानी की जिंदगी पर जेल में ही रहना होता है.
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हां लेकिन अगर कैदी अच्छा व्यवहार करता है और उसका आचरण अच्छा होता है, जिससे जेल प्रशासन को लगता है कि उसे पहले रिहा किया जा सकता है. तो काूनन के नियमों का पालन करते हुए उसकी सजा में रियायत दे दी जाती है. हालांकि इसमें कई बातों को देखा जाता है कि अपराध किस तरह का है देशद्रोह और कई जघन्य अपराधों में सजा को माफ नहीं किया जाता.
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