यूपी में 2000 स्कूलों की मान्यता पर मंडरा रहा है खतरा, UPMSP ने दिए जांच के आदेश
UP News: जानकारी के मुताबिक कई स्कूलों ने बोर्ड के पोर्टल पर जितने छात्र वास्तव में नामांकित हैं, उससे कहीं अधिक छात्रों का रजिस्ट्रेशन दिखा दिया है. कई जगह तो छात्रों का नामांकन हुआ ही नहीं है.

उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. यूपी बोर्ड के अधीन आने वाले करीब 2000 स्कूलों की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, इन स्कूलों ने बोर्ड के पोर्टल पर छात्रों की गलत जानकारी अपलोड की है. इस मामले में यूपी मध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने जांच के आदेश जारी किए हैं और सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, कई स्कूलों ने बोर्ड के पोर्टल पर जितने छात्र वास्तव में नामांकित हैं, उससे कहीं अधिक छात्रों का रजिस्ट्रेशन दिखा दिया है. कई जगह तो छात्रों का नामांकन हुआ ही नहीं, लेकिन रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिया गया. वहीं कुछ स्कूलों ने छात्रों की प्रविष्टियाँ अधूरी छोड़ दीं. इस गड़बड़ी के कारण अब बोर्ड ने उन सभी स्कूलों की मान्यता की समीक्षा करने का फैसला किया है.
देश का सबसे बड़ा शिक्षा बोर्ड है UPMSP
शिक्षा परिषद के अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल पर दर्ज आंकड़े और जमीनी स्थिति में बड़ा अंतर पाया गया है. इससे यह शक गहराया है कि कुछ स्कूल फर्जी तरीके से छात्रों की संख्या बढ़ाकर सरकारी अनुदान या मान्यता नवीनीकरण का फायदा लेना चाहते थे. गौरतलब है कि यूपी बोर्ड (UPMSP) देश का सबसे बड़ा शिक्षा बोर्ड है, जिसके अधीन करीब 27 हजार से अधिक माध्यमिक विद्यालय पंजीकृत हैं. हर साल लाखों छात्र हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा देते हैं. ऐसे में अगर 2000 स्कूलों पर कार्रवाई होती है, तो इसका असर हजारों छात्रों पर पड़ सकता है.
UPMSP ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को दी चेतावनी
यूपी बोर्ड ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को चेतावनी दी है कि जिन स्कूलों में ऐसी लापरवाही या फर्जीवाड़ा पाया जाएगा, उनकी मान्यता निलंबित या रद्द की जा सकती है. साथ ही संबंधित प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा परिषद ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब स्कूलों को छात्रों की वास्तविक उपस्थिति और नामांकन विवरण पोर्टल पर सही-सही दर्ज करना अनिवार्य होगा. बोर्ड का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
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