Constitution Day 2025: संविधान दिवस पर उत्तराखंड के मदरसों में गूंजा 'वंदे मातरम', वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने क्या कहा?
Dehradun News: संविधान दिवस के अवसर उत्तराखंड के मदरसों में पहली बार राष्ट्रगीत वंदे मातरम की गूंज सुनाई दी. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मदरसों के छात्र–छात्राएं मौजूद रहे.

संविधान दिवस के अवसर पर जहां प्रदेशभर के स्कूलों में 'वंदे मातरम' का गायन किया गया, वहीं देहरादून के कुछ मदरसों में भी पहली बार राष्ट्रगीत की गूंज सुनाई दी. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मदरसों के छात्र–छात्राएं मौजूद रहे. इस दौरान मौलवियों ने बच्चों को 'वंदे मातरम' के अर्थ, इतिहास और राष्ट्रीय महत्व के बारे में जानकारी दी.
मदरसों में आयोजित कार्यक्रमों में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स भी पहुंचे. उन्होंने बच्चों को राष्ट्रगीत के महत्व और देशभक्ति की भावना के बारे में विस्तार से बताया. शादाब शम्स ने कहा कि मदरसों में ‘वंदे मातरम’ का गायन होना एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है.
'मदरसों में सामान्य स्कूलों की तरह पढ़ाया जाएगा पाठ्यक्रम'
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मदरसा बोर्ड को भंग कर दिया है और अब शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार मदरसों में वही पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा, जो उत्तराखंड के सामान्य स्कूलों में पढ़ाया जाता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में मदरसों में फर्स्ट हाफ में उत्तराखंड का नियमित सिलेबस लागू किया जाएगा, ताकि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ सकें.
शादाब शम्स ने कहा, “यदि मदरसों में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' गाया जा रहा है और भारत माता के प्रति जज्बा पैदा किया जा रहा है, तो यह बेहद स्वागत योग्य कदम है. यह बच्चों में राष्ट्रीय चेतना और एकता का भाव मजबूत करेगा.”
वंदे मातरम के गायन पर अभिभावकों और शिक्षकों ने जताई खुशी
उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड की कोशिश है कि मदरसों को आधुनिक शिक्षा, तकनीक और देशभक्ति से जोड़कर बच्चों को बेहतर भविष्य दिया जा सके. संविधान दिवस पर मदरसों में राष्ट्रगीत का गायन इसी दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है. मदरसों में 'वंदे मातरम' के गायन को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों ने भी खुशी जताई और इसे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया है.
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Source: IOCL






















