अलीगढ़: 'दावत-ए-वलीमा' में बीफ परोसने पर बवाल, कैटर्स समेत 3 हिरासत में, जांच में जुटी पुलिस
Aligarh News: ये घटना थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित शहनाई गेस्ट हाउस की है, जहां निकाह समारोह में प्रतिबंधित बीफ का मांस परोसने का विवाद हो गया. पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.

अलीगढ़ में रविवार को एक निकाह समारोह में प्रतिबंधित मांस परोसने पर बवाल मच गया. इस बात पर विवाद तब शुरू हुआ जब दावत ए वलीमा में शामिल होने पहुंचे दो हिन्दू युवकों ने स्टॉल पर लगे बीफ के पोस्टर और मीट को देखकर आपत्ति जताई और वीडियो बनाना शुरू कर दिया. जिसके बाद गेस्ट हाउस में भीड़ जमा हो गई और पुलिस मौके पर पहुंच गई.
ये घटना थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित शहनाई गेस्ट हाउस की है, जहां 30 नवंबर की रात वलीमे का कार्यक्रम चल रहा था. इस निकाह में जवां निवासी गौरव कुमार और उनके दोस्त आकाश भी शामिल होने पहुंचे थे. जहां उन्होंने एक स्टॉल पर गोवंश के बीफ का बोर्ड लगा देखा. जिसके बाद उन्हें शक हुआ कि प्रतिबंधित मीट परोसा जा रहा है.
बीफ परोसने पर बवाल
जिसके बाद उन्होंने इस पर आपत्ति जताई. गौरव के अनुसार, उन्होंने सिर्फ प्रतिबंधित मीट परोसने पर सवाल उठाया था लेकिन, इस पर कार्यक्रम से जुड़े कुछ लोग भड़क गए और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें धमकाया गया. आरोप यह भी है कि थोड़ी देर में विवाद बढ़ा तो गौरव और उनके साथी के साथ हाथापाई भी की गई.
इस घटना की ख़बर मिलते ही बीजेपी कार्यकर्ता भी मौके पर पहुँच गए जिसके बाद मामला और बिगड़ गया. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर जमकर हंगामा किया और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की. सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की. लेकिन, कोई मानने को तैयार नहीं था. कुछ नेताओं ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों से तुरंत एफआईआर दर्ज करने की मांग की.
खाद्य विभाग की टीम ने लिए नमूने
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम भी गेस्ट हाउस पहुंची. टीम ने भोजन से जुड़े सभी स्टालों का निरीक्षण किया और नमूने इकट्ठा किए. पुलिस ने एहतियातन कैटर्स सहित कार्यक्रम से जुड़े कई लोगों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कैटर्स ने पूछताछ में बताया कि मीट के काउंटर पर गलती से बीफ कोरमा का बोर्ड लग गया था, जबकि वहां बीफ मौजूद नहीं था. हालांकि पुलिस का कहना है कि वास्तविक स्थिति का पता नमूने की रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा.
घटना के बाद भाजपा कार्यकर्ता और कुछ स्थानीय लोग देर रात तक थाना सिविल लाइन के बाहर जमा रहे. उनका कहना था कि मीट परोसने वालों ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. इसी दौरान बसपा नेता सलमान शाहिद भी थाने पहुंचे, जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ उनकी कहासुनी हो गई. दोनों ओर से बहस बढ़ने पर पुलिस अधिकारियों को बीच में आकर मामला शांत कराना पड़ा.
जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि चूंकि मामला समुदाय विशेष से जुड़े संवेदनशील आरोपों वाला है, इसलिए बिना प्रमाण किसी भी पक्ष के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की जा सकती. नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह पुष्टि होगी कि वास्तव में प्रतिबंधित मीट परोसा गया था या नहीं. फिलहाल पुलिस घटना स्थल, गवाहों और मिले वीडियो फुटेज की जांच कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि यदि आरोप सही पाए गए तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
Source: IOCL






















