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ऑनलाइन पेमेंट से पहले पता चलेगा नंबर फर्जी है या नहीं! सरकार का ये नया टूल आएगा काम
देश में लगातार बढ़ते साइबर फ्रॉड ने सरकार को सतर्क कर दिया है. इसी को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक खास टूल लॉन्च किया है जिसका नाम है FRI यानी "Financial Fraud Risk Identifier".
देश में लगातार बढ़ते साइबर फ्रॉड ने सरकार को सतर्क कर दिया है. इसी को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक खास टूल लॉन्च किया है जिसका नाम है FRI यानी "Financial Fraud Risk Identifier". यह टूल डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म का हिस्सा है और इसका मुख्य उद्देश्य उन मोबाइल नंबरों की पहचान करना है जो ऑनलाइन धोखाधड़ी में शामिल हो सकते हैं.
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अब जब भी आप किसी अनजान नंबर पर पैसे भेजने जा रहे होंगे, यह टूल बताएगा कि वह नंबर कितना जोखिम भरा है. इससे आम लोगों को फ्रॉड से बचाने में काफी मदद मिलेगी.
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, FRI टूल के तहत मोबाइल नंबरों को तीन कैटिगरी में वर्गीकृत किया जाएगा, मीडियम रिस्क, हाई रिस्क, वेरी हाई रिस्क. "वेरी हाई रिस्क" का मतलब ऐसे नंबरों से है जिन पर पेमेंट करने से ठगी की संभावना सबसे ज्यादा होती है.
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इन नंबरों की पहचान सरकार के पोर्टल्स जैसे 'चक्षु' प्लेटफॉर्म, NCRP (National Cybercrime Reporting Portal) और बैंकों में दर्ज शिकायतों के आधार पर की जा रही है. जब किसी यूज़र की तरफ से फ्रॉड की रिपोर्ट की जाती है और उसमें कोई मोबाइल नंबर शामिल होता है तो वही डेटा इस टूल में जुड़ जाता है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, PhonePe इस टूल का इस्तेमाल शुरू कर चुका है. यदि किसी मोबाइल नंबर को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा गया है, तो यह ऐप वहां पेमेंट रोक देता है. मीडियम रिस्क नंबरों पर अलर्ट भेजा जाता है ताकि यूज़र सावधान रहे.
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अब Google Pay और Paytm जैसे UPI प्लेटफॉर्म भी इस टूल को अपने सिस्टम में जोड़ने की प्रक्रिया में हैं. FRI टूल को न सिर्फ UPI ऐप्स बल्कि NBFCs (Non-Banking Financial Companies) भी यूज़ करेंगी, ताकि अपने ग्राहकों को फ्रॉड से जुड़ी चेतावनी दी जा सके.
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दूरसंचार विभाग चाहता है कि यह टूल देशभर में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाए, जिससे डिजिटल लेनदेन को और अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया जा सके. इस टूल की सबसे खास बात यह है कि यह रियल टाइम में काम करता है. जैसे ही कोई नया धोखाधड़ी से जुड़ा नंबर सामने आता है, वह तुरंत बैंकों और UPI सेवाओं के साथ शेयर कर दिया जाता है. इस पहल से भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत और सुरक्षित बनेगा और आम लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचने में सीधी मदद मिलेगी.
Published at : 23 May 2025 12:32 PM (IST)
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