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AI Ghostbots: मरे हुए लोगों को जिंदा कर रहा एआई! इंसानों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर
AI Ghosts Affecting Mental Health: डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक की एक रिसर्च में बताया गया है कि मरे हुए लोगों के वर्चुअली जिंदा होने के बाद जीवित लोगों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.
एआई के इस दौर में अब इमेजिनेशन भी सच होती हुई नजर आ रही हैं. जहां एक बार मर चुके इंसान का वजूद ही खत्म हो जाता था, वहीं अब एआई घोस्ट (AI Ghost) के जरिए उन इंसानों को वर्चुअली जिंदा किया जा रहा है. इससे जिंदा इंसानों की मेंटल हेल्थ पर असर पड़ रहा है.
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एआई घोस्ट या Deadbots वर्तमान के एआई दौर का ही एक ट्रेंड है. इसमें मरे हुए इंसानों को वर्चुअली जिंदा रखा जा रहा है. जिंदा लोगों के बीच मरे हुए लोगों को जिंदा करना इंसानों के पागलपन की वजह बन रहा है.
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इसको लेकर डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक निगेल मुलिगन ने शोध किया है. निगेल मुलिगन का कहना है एआई घोस्ट जिंदा इंसानों को मानसिक रूप से कमजोर बना रहे हैं.
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ये एआई घोस्ट बिलकुल उसी आवाज में बात करते हैं, जैसे मरे हुए शख्स की आवाज होती रही हो. इन्हें तैयार करने के लिए मरे हुए इंसान की फोटो, ऑडियो, वीडियो की जरूरत होती है.
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आसान शब्दों में कहें तो जितनी ज्यादा जानकारी मरे हुए इंसान के बारे में दी जाएगी. उसी हिसाब से मरे हुए इंसान का Deadboat बनकर तैयार हो जाएगा.
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रिसर्च में सामने आया है कि एआई घोस्ट की वजह यह रिजल्ट सामने आ रहा है कि जिंदा इंसान इस कल्पना को सच मान रहे हैं. यहीं वजह है कि इसका मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है.
Published at : 19 Mar 2024 07:13 AM (IST)
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